मुख्यपृष्ठखेलशौक नहीं मजबूरी है क्रिकेट  

शौक नहीं मजबूरी है क्रिकेट  

साउथ अफ्रीका के बायें हाथ के तेज गेंदबाज नांद्रे बर्गर कभी क्रिकेटर बनना नहीं चाहते थे बल्कि मुफ्त पढाई के लिये उन्होंने खेल को चुना। उन्हें २०१४ में क्रिकेट ट्रायल के जरिये विटवाटर्सरेंड यूनिवर्सिटी में दाखिला और पूरी स्कॉलरशिप मिली। उसके बाद से उन्होंने मुड़कर नहीं देखा। साउथ अफ्रीका के २८ वर्ष के तेज गेंदबाज बर्गर ने पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय टीम में डेब्यू किया। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें ५० लाख रुपये में खरीदा जबकि उन्होंने पिछले महीने एसए २० में भी जोहानिसबर्ग सुपर किंग्स के लिए खेला था। बर्गर ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, ‘अजीब लगता है न। विट्स उन छात्रों को स्कॉलरशिप दे रहा था जो क्रिकेट खेलते हैं। मैं क्रिकेटर बनना नहीं चाहता था लेकिन मुफ्त पढ़ाई के लिये हाथ आजमाने में बुराई भी नहीं थी। क्रिकेट मेरी पढ़ाई के लिए बैकअप था।’

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