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संपादकीय : भाजपा के कोठे पर!

भारतीय जनता पार्टी की हालत दिन पर दिन ज्यादा विकट होती दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके सारे आरोप खोखले निकले हैं और भाजपा ही भ्रष्टाचारी गिरोह की मुखिया है, इसका खुलासा अब हो गया है। जगजाहिर है कि राजनीति बदमाशों का आखिरी अड्डा है। ऐसे में भाजपा कुख्यात भ्रष्टाचारियों की आखिरी शरणस्थली बन गई है। कोयला घोटाले में जिसके खिलाफ भाजपा ने हंगामा मचाया था, वो नवीन जिंदल कांग्रेस पार्टी से भाजपा की ‘वॉशिंग मशीन’ में घुस गए और अब भाजपा ने उन्हें हरियाणा से लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर के देश का एक तरह से मजाक ही उड़ाया है। एक तरफ तथाकथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और उसी समय चर्चित कोयला घोटाले के आरोपी नवीन जिंदल को भाजपा ने उम्मीदवारी दे दी। नवीन जिंदल को दिल्ली कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। जिंदल के साथ जो अन्य १३ आरोपी हैं, उनमें मधु कोडा का भी नाम है। झारखंड में ‘कोल ब्लॉक’ आवंटन में भ्रष्टाचार हुआ है और जिंदल इसके प्रमुख लाभार्थियों में से एक हैं। ईडी ने उनके खिलाफ ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह मामला दर्ज हुआ था और जिंदल के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने जोरदार अभियान चलाया था। जिंदल को गिरफ्तार कर जेल में डाला जाए, इसके लिए भाजपा ने जिंदल के दफ्तर के बाहर हल्लाबोल किया और घेराबंदी की। उस वक्त पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें भाजपा के सौ से अधिक कार्यकर्ता घायल हुए और एक हजार से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज कर जेल में डाल दिया गया। जिंदल के कार्यालय पर काला रंग फेंका गया था। पुलिस और भाजपा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी। इसी दौरान जिंदल के आवास पर छापा मारा गया था। वही जिंदल अब भाजपा में शामिल होकर एकदम ‘साफ’ हो गए हैं; लेकिन जिंदल के खिलाफ लाठियां खानेवाले उन भाजपा कार्यकर्ताओं की भावनाओं का क्या किसी ने विचार किया है? नवीन जिंदल पर भारतीय दंड संहिता की धारा १२० (आपराधिक साजिश), ४०९ और ४२० और भ्रष्टाचार विरोधी धारा १३ (१) (सी) और १३ (१) (डी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। अर्थात जिंदल के खिलाफ बेहद गंभीर आपराधिक आरोप हैं और भाजपा ने उन्हें जेल भेजने का ठान ही लिया था। लेकिन अब जिंदल के भाजपा में शामिल होने से उन पर लगे कोयले के दाग धुल गए हैं और जिन कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ आंदोलन किया था, उन सभी को अब जिंदल की कालीनें उठानी पड़ेंगी। यही भारतीय जनता पार्टी का वर्तमान चरित्र बन गया है। देश में भ्रष्टाचार के ‘कोठे’ बंद करने का वादा करके ये लोग सत्ता में आए थे, लेकिन कोठे पर पैसों की खनखनाहट देखकर यही लोग कोठे पर बैठ गए और ग्राहकों का मन बहलाने लगे। इस तरह से भाजपा एक कोठे की पार्टी बन गई है। चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कई ठेकेदारों, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों ने भाजपा के कोठे को समृद्ध किया है। क्या इसमें श्रीमान जिंदल भी शामिल हैं? इसका पता लगाना ही होगा। जिस शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया, उस मामले में मुख्य आरोपी अरबिंदो फार्मा के निदेशक सरथ रेड्डी है। गिरफ्तार होते ही उसने चुनावी बॉन्ड के जरिए भाजपा को ३५ करोड़ रुपए दिए और सरकारी गवाह बनकर केजरीवाल के खिलाफ गवाही दे दी। एक तरफ कोयला घोटाले के जिंदल को भाजपा में शामिल किया गया, उसी समय कर्नाटक में जनार्दन रेड्डी को वॉशिंग मशीन में डालकर भाजपा में शामिल कर लिया गया। रेड्डी को अवैध खनन उद्योग का बादशाह माना जाता है और सीबीआई ने उन पर मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। जनार्दन रेड्डी ने जमानत पाने के लिए हाई कोर्ट के जज को ४० करोड़ रुपए की रिश्वत देने की कोशिश की, इसका खुलासा खुद कोर्ट ने किया। जनार्दन रेड्डी और उनके परिवार ने अवैध खनन कारोबार से खूब पैसा कमाया। वह जेल गए और अब गृहमंत्री शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जनार्दन रेड्डी का कारोबार फिर से फलेगा-फूलेगा। उस कारोबार से भाजपा को फायदा होगा। जल्द ही जनार्दन रेड्डी के खिलाफ सभी मामले खत्म हो जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी ऐसे ही चल रही है। जिन्हें वास्तव में जेल भेजना चाहिए था, भाजपा ने उन लोगों से हजारों करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड लिए या जिंदल जैसे लोगों को लोकसभा की उम्मीदवारी दी। इसका मतलब है कि या तो जिंदल पर लगे आरोप और आंदोलन फर्जी थे और भाजपा ने सिर्फ बदनामी के लिए धूल उड़ाई। पूरे देश में भाजपा की यही नीति है। भाजपा की स्मरणशक्ति कमजोर हो गई है या हार के भय से उसने देश भर के गुंडों, गिरोहों और भ्रष्टाचारियों को जुटाकर चुनाव में उतारने का पैâसला किया है। यह प्रधानमंत्री मोदी का एक तरह का ‘डिप्रेशन’ है। भाजपा के डिप्रेशन के कारण भारतीय राजनीति की दुर्गति हो गई है। महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा तक हर जगह भाजपा ने राजनीति का कोठा बना दिया है। इन कोठों पर वे ‘चार सौ पार’ का मुजरा और ‘फिर से आएंगे’ का गजरा बांधकर नाच रहे हैं। जनता ही इन कोठों को बंद किए बिना नहीं रहेगी!

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