मुख्यपृष्ठसमाचारमुंबईकरों का स्वास्थ्य खतरे में

मुंबईकरों का स्वास्थ्य खतरे में

-१,८०० सरकारी डॉक्टर और नर्सों की लगाई चुनावी ड्यूटी

-चार दिन बंद रहेंगे अस्पताल?

सामना संवाददाता / मुंबई

करीब १,८०० डॉक्टरों और नर्सों को चुनावी ड्यूटी में लगाए जाने से मुंबईकरों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ गया है। ऐसे में अनुमान है कि चार दिनों तक राज्य सरकार द्वारा संचालित और मनपा के अस्पताल लगभग बंद अवस्था में दिखाई दे सकते हैं। दूसरी तरफ चुनाव आयोग के इस फरमान का सभी कर्मचारी और श्रमिक संगठन जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस तरह का आदेश जारी करके चुनाव आयोग मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि यदि लोकसभा चुनाव के लिए मानव बलों की कमी है तो निजी संगठनों या गैर सरकारी संगठनों से मदद ली जाती है। हालांकि, म्युनिसिपल कर्मचारी कामगार संगठन समेत अन्य प्रमुख यूनियन समय-समय पर मांग करती आ रही है कि अस्पताल और जल आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को चुनावी कार्यों में न लगाया जाए, लेकिन मनपा प्रशासन ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके विपरीत केईएम, नायर, सायन, कूपर जैसे प्रमुख अस्पतालों के करीब १,८०० वरिष्ठ डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल और ऑफिस स्टाफ को लोकसभा चुनाव के काम में लगाने का आदेश जारी किया गया है। ऐसे में हर तरफ गुस्से का माहौल है।
मनपा के कामकाज पर पड़ रहा असर
चार महीने के बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा, इससे बचने के लिए मनपा को पहले से ही उपाय करने पड़ते हैं। हालांकि, मनपा के वर्षा जल विभाग, जलापूर्ति विभाग, सीवेज विभाग, सड़क विभाग, घनकचरा विभाग जैसे १६ विभागों में कार्यरत ५० हजार कर्मचारी चुनाव कार्य में लग जाएंगे। मौजूदा समय में भी १२ हजार कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगे हुए हैं। इससे मानसून कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
लटकेंगी सर्जरीज
मनपा के प्रमुख अस्पतालों में प्रतिदिन सैकड़ों सर्जरीज की जाती हैं। हालांकि, अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों और नर्सों के चुनाव ड्यूटी पर चले जाने से सर्जरी प्रभावित होने की आशंका जताई है।
डॉक्टरों, नर्सों को चुनाव कार्य से रखा जाएगा बाहर
लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उपनगरीय जिले के लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं ली गई हैं। मनपा अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों को इस चुनाव के दौरान सेवा देने का आदेश दिया गया है। हालांकि, मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर ने जानकारी दी कि चुनाव को लेकर मेडिकल सेवा में डॉक्टरों और नर्सों को दिए गए आदेश तुरंत रद्द कर दिए जाएंगे।
चार दिनों तक दिया जाएगा प्रशिक्षण
लोकसभा चुनाव के काम के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों, नर्सों समेत मेडिकल और ऑफिस स्टाफ को अप्रैल महीने में चार दिनों तक ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर ड्यूटी लगाई जाएगी। मनपा के प्रमुख अस्पतालों में कार्यरत ५०६ डॉक्टरों समेत १,०६७ नर्सें चुनावी ड्यूटी में लगाई गई हैं।

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