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मेनका गांधी भी लौटा सकती हैं टिकट! … वरुण होंगे विद्रोही! …कांग्रेस में लाने का प्रयास कर रहे हैं वरिष्ठ नेता

रमेश ठाकुर / नई दिल्ली

भाजपा ने मेनका गांधी को बेशक सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया हो, पर उन्होंने खुलकर स्वागत इसलिए नहीं किया, क्योंकि बेटे वरुण गांधी का टिकट पीलीभीत से काट दिया गया। जबकि मेनका गांधी चाहती थीं कि उन्हें भले ही टिकट न मिले, लेकिन बेटे वरुण को पीलीभीत से उतारा जाए। इस मसले पर सहमति बन भी गई थी, लेकिन जब उम्मीदवारों की लिस्ट सार्वजनिक हुई तो उसमें वरुण का नाम नहीं था। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मेनका की सभी दलीलों को दरकिनार कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र खरीद चुके वरुण ने अब अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। वे पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि अब उनकी कांग्रेस में जाने की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी में आने का निमंत्रण दे ही दिया है। बता दें कि वरुण गांधी को कांग्रेस में लाने की सबसे ज्यादा कोशिशें कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता की ओर से हो रही हैं। इस संबंध में दोनों के बीच मुलाकातें भी लगातार जारी हैं। वहीं विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि वरुण को टिकट नहीं देने से मेनका गांधी भाजपा से नाराज हैं, हो सकता है वो टिकट भी वापस कर दें। मेनका-वरुण भाजपा से त्यागपत्र भी जल्द दे सकते हैं। वरुण की कांग्रेस के टिकट से वाराणसी या अमेठी से चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट है। वरुण की डिमांड युवाओं में बहुत ज्यादा है, नौकरी जैसे मुद्दे पर वो प्रधानमंत्री पर कई मर्तबा हमला कर चुके हैं। ऐसे में वो नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ने को लेकर ताल ठोक सकते हैं, इसके लिए पूरा विपक्ष एकजुट होगा। फिलहाल इस तरह की बदलती राजनीतिक हवा से भाजपा भी वाकिफ है। इसलिए हो सकता है मेनका की नाराजगी दूर करने और बे-टिकट वरुण गांधी को मैनेज करने के लिए भाजपा कोई दांव खेले पर इतना तय है, दोनों को मनाने में अगर भाजपा विफल रही तो बड़ा सियासी नुकसान उठा सकती है।

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