नहीं रहे कवि लक्ष्मीकांत शुक्ल!

सामना संवाददाता / मुंबई

प्रख्यात कवि, गीतकार एवं प्रसिद्ध समाजसेवी, मझगांव निवासी लक्ष्मीकांत गौरीशंकर शुक्ल का लंबी बिमारी के बाद गत 11 अगस्त को निधन हो गया। शुक्ल अपने पीछे एक मात्र दिवंगत बेटे की दो बेटियों का छोटा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन की खबर पर महानगर के तमाम कवियों एवं पत्रकारों ने भावभीनी श्रद्धांजलि एवं शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उक्त जानकारी उनके साले विजय पाण्डेय ने दी है।

वृक्ष ही जीवन है

सामना संवाददाता / मुंबई

वॉकर्स क्लब आरे, गोरेगांव ईस्ट द्वारा वृक्षारोपण का भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें क्लब के सभी मेंबर्स ने बड़ी संख्या में भाग लिया। न्यूजीलैंड हॉस्टल के परिसर में बड़ी संख्या में वृक्ष लगाए गए तथा इन वृक्षों का पूरे साल देखभाल एवं संवर्धन किया जा सके, इसकी व्यवस्था भी की गई है। इस समारोह के संयोजक शशि बोरा एवं किरण पटेल एवं उनकी टीम थी।
कार्यक्रम में क्लब के सीनियर मेंबर रसिकभाई दोशी, डाॅ. के सी मेहता, नयनभाई पारीक, विष्णुकुमार मुरारका, कोषाध्यक्ष नवलगढ़िया, डाॅ. दीनदयाल मुरारका, प्रो. विद्या नाईक, अरविंद बाजे, हीराभाई पटेल, मणिभाई, वाघमारे एवं अन्य सीनियर सदस्यों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।

हिंदी हाईस्कूल में सेवानिवृत्ति के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन

कल्याण। हिंदी प्रचार मंडल-कल्याण द्वारा संचालित हिंदी हाईस्कूल-जूनियर कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानेंद्र प्रकाश चतुर्वेदी के सेवानिवृत्त के अवसर पर विद्यालय के सभागृह में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता जयगोपाल शुक्ला ने की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुई। इस दौरान विद्यालय की छात्राओं ने स्वगीत प्रस्तुत किया।

पूर्व उपमुख्याध्यापक विक्रमादित्य पांडेय सेवानिवृत्त प्राचार्य ज्ञानेंद्र प्रकाश चतुर्वेदी के 30 वर्षों के कार्यकाल को अनुकरणीय बताया। समारोह में मौजूद कल्याण के जानेमाने समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद रमाकांत उपाध्याय, डाॅ. विजय नारायण पंडित, ट्रस्टी रमेश खंडेलवाल, तेजपाल उप्पल, बृजेश मिश्र, एसबी शर्मा, दयाराम उपाध्याय, सुधाकर पांडेय, जितेंद्र पांडेय, रमेश मिश्र, अरुणेश पांडेय, डा.सूर्यभान उपाध्याय, अमरीश मिश्र, देवेंद्र उपाध्याय, राजेश दुबे, जितेंद्र शुक्ल, सुनील पांडे, शिक्षिका श्रीमती पार्वती सिंह, संगीता खंडेलवाल और श्रीमती सीमा उपाध्याय ने सेवानिवृत्त प्राचार्य ज्ञानेंद्र प्रकाश चतुर्वेदी का विदाई स्वरूप स्वागत कर बधाई दी।

संस्था के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सहित हिंदी प्रचार मंडल के सभी पदाधिकारियों ने सेवानिवृत्त प्राचार्य चतुर्वेदी के कार्यकाल में किए गए कार्यों की प्रशंसा की, और आगे भी इसी प्रकार भविष्य में सहयोग करने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन राकेश दीक्षित ने किया और धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने महानुभावओं का आभार व्यक्त किया।

मुलुंड में तीज महोत्सव का आयोजन हुआ संपन्न

सामना संवाददाता / मुंबई
अग्रोहा विकास ट्रस्ट की मुलुंड महिला समिति द्वारा ‘तीज महोत्सव’ का भव्य आयोजन मुलुंड-पश्चिम में किया गया। इस अवसर पर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की जानकारी दी गई तथा राखी, खानपान, लड्डूगोपाल पोशाक एवं खानपान के स्टाल भी लगाए गए। क्षेत्रीय महिला समिति पदाधिकारी वंदना गर्ग, विमल केडिया और जागृति मानसिंह अतिथि स्वरूप उपस्थित रही। मुलुंड इकाई अध्यक्षा शारदा लाला, आरती कनोड़िया, खुशबू अग्रवाल और नीलम अग्रवाल  ने आयोजन को सफल बनाने में भूमिका निभाई।

प्रो. दयानंद तिवारी को `साहित्य श्री’ सम्मान

सामना संवाददाता / मुंबई

श्री राम मंदिर ट्रस्ट जोगेश्वरी के सभागृह में रविवार, 11 अगस्त को डॉ. कृपा शंकर मिश्र द्वारा प्रतीक्षा शिक्षण संस्थान की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में प्रो. दयानंद तिवारी को `साहित्य श्री’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपर महानिदेशक, विदेश व्यापार आर के मिश्र, पूर्व संयुक्त निदेशक  अमरनाथ मिश्र, पूर्व आयुक्त सीमा शुल्क कमला शंकर मिश्र, सुप्रसिद्घ साहित्यकार डॉ. सागर त्रिपाठी, हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य आनंद सिंह के अलावा सैकड़ों कवि और लेखक उपस्थित थे।
इस अवसर संस्था के अध्यक्ष डॉ. कृपाशंकर मिश्र ने कहा कि डॉ. दयानंद तिवारी आज के समय के श्रेष्ठ रचनाकार हैं। उनका साहित्यकाश बहुत विस्तृत है। वस्तुतः वह शिक्षा और साहित्य के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए उन्हें वर्ष 2024 के साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है।

 

`राष्ट्रीय राजभर सेवा’ की तरफ से 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित

सामना संवाददाता / मुंबई

`राष्ट्रीय राजभर सेवा संघ महाराष्ट्र’ द्वारा अंधेरी शाखा सूर्या हाल, लक्ष्मी नारायण मंदिर, जे. बी. नगर अंधेरी-ईस्ट में 10वीं व 12वीं में उत्रीर्ण छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह कार्यक्रम 11 अगस्त, रविवार को आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुवात हर्षोल्लास के साथ कुलगौरव राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित व नमन-वंदन कर अनिल राजभर की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ।
उक्त कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा 56 बच्चों के माता-पिता, संरक्षक की उपस्तिथि में मेडल,फाइल फोल्डर, प्रशस्ति पत्र व पुष्प गुच्छ देकर के सम्मानित किया गया। 70 प्लस बच्चों का नाम संस्था में आया था।
कार्यक्रम में पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रदीप शर्मा, पूर्व नगरसेवक सुभाष सावंत, पूर्व नगरसेवक प्रमोद सावंत, रितेश राय शाखाप्रमुख शिवसेना, संदीप शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार आदि ने उपस्थिति होकर राजभर समाज के होनहार छात्र-छात्राओं का, जो 92 से 80 प्रतिशत प्राप्त किए थे, उन्हें सम्मानित कर मार्गदर्शन किया। बच्चों का शिक्षा के लिए मार्गदर्शन करने में प्रोफेसर पूनम राजभर, काउंसलर धर्मेंद्र राजभर व कौशल्य राजभर ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे बच्चों ने बहुत ही ध्यान पूर्वक आत्मसाद किया।
बच्चों के इस सम्मान कार्यक्रम में पहली बार इतनी संख्या में उनके अभिवावकों की उपस्थिति देखने को मिली। खासकर महिलाओं की उपस्तिथि बहुत ही सराहनीय थी।
कार्यक्रम में तमाम वक्ताओं ने बच्चों को कुल गौरव राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के जीवनी पराक्रम से परिचय कराया तथा आज के परिवेश में शिक्षा पर जोर दिया व तमाम कंप्टेटिव परीक्षाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेकर सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किए।
कार्यक्रम में संस्थापक सदस्य व महामंत्री अखिलेश राजभर, कोषाध्यक्ष श्रवण भारद्वाज, उपाध्यक्ष एंड किरण, सचिव धर्मेंद्र राजभर, चंद्रभान राजभर, शिक्षक संजय, पूर्व अध्यक्ष दयानंद भारद्वाज, दिनेश राजभर, परसन भर, रमाशंकर राजभर गोपाल राजभर, हीरालाल, कमलेश व वर्तमान केंद्रीय कार्यकारणी, शाखाओं के पदाधिकारीगण व पूर्व पदाधिकारीगण, सदस्यगण, सलाहकार समिति के लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन अंगिरा मुनी जी, महेंद्र भारद्वाज, संजय राजभर व समित ने किया, वहीं विशेष सहयोगी के तौर पर एड. ओमप्रकाश राजभर, डॉ. हरिदास राजभर जी रहे।
कार्यक्रम व्यवस्थापन में अंधेरी शाखा अध्यक्ष शंभू राजभर, अनिल नंदू राजभर, कैलाशनाथ भारद्वाज, घनश्याम राजभर, विजय राजभर बीजेपी, विजय शिवचरण राजभर, अविनाश, शंकर, विनोद, सहदेव, गुलाब, राजेश, धर्मेंद्र, रामआसरे, लक्ष्मन, हरेंद्र, हरीश, करन, रमाकांत, बद्री, वीरेंद्र आदि लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिए।

शिवसेना के कंधों पर बैठकर दिल्ली पहुंचे लोग अगर लात ही मार रहे हैं तो टांग पकड़कर फेंक दो! …‘मार्मिक’ के स्थापना दिवस पर गरजे उद्धव ठाकरे

मोदी-शाह के पीछे धधकती मशाल लगाओ

मेरे दादा और पिता ने मिलकर उस समय सामाजिक लड़ाई के लिए ‘मार्मिक’ शुरू की थी। आज फिर से वैसी ही परिस्थिति आ गई है।

सामना संवाददाता / मुंबई
हमारा ही उपयोग करके मुंबई और महाराष्ट्र के ये द्वेषी, हमारे कंधों के सहारे आज दिल्ली में बैठे हैं। अब वहां बैठकर हमें ही लात मारने की बात करते हैं, तो ऐसे लोगों की टांग खींचकर उतार दो। ऐसा जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर अप्रत्यक्ष रूप में किया। उन्होंने कहा कि एक समय था कि मुंबई से धरतीपुत्रों का ही महत्व खत्म किया जा रहा था। आज समय जरूर बदला है, लेकिन परिस्थिति वही है। ऐसे में महाराष्ट्र और मुंबई के साथ द्वेष रखने वालों को पलीता लगाना चाहिए। प्रबोधन प्रकाशन की पत्रिका ‘मार्मिक’ के ६४वें स्थापना दिवस के अवसर पर कल शिवसेनापक्षप्रमुख शिवाजी मंदिर नाट्य गृह में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जो लोग दिल्ली में बैठकर महाराष्ट्र और मुंबई को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि उनके पीछे पलीता लगाना चाहिए। अब उनके पीछे इस धधकती मशाल से ही उन्हें पलीता लगाएंगे। मशाल चिह्न का चयन ही इसलिए किया है, क्योंकि पलीता का दूसरा नाम मशाल है। उन्होंने कहा कि एक दौर था, जब मुंबई में मराठी लोग को नौकरी नहीं, स्थान नहीं, उन्हें बाहर किया जा रहा था। लेकिन स्थानीय लोकाधिकार समिति के तहत शिवसेना के तमाम नेताओं ने मराठी लोगों को न्याय दिलाया था। मेरे दादा और पिता ने मिलकर उस समय सामाजिक लड़ाई के लिए ‘मार्मिक’ शुरू की थी। आज फिर से वैसी ही परिस्थिति आ गई है। उन्होंने कहा कि मार्मिक, शिवसेना और सामना एक चमत्कार है। शिवसेना से पहले मार्मिक था, मेरे दादा ने पत्रिका शुरू की थी। उनसे आज जुड़कर सभी लोगों ने सामर्थ्यपूर्वक काम किया। मुझे खुशी है कि मैं उस परंपरा को लेकर आगे चल रहा हूं। आप जैसे लोग मेरे साथ संकट में खड़े हैं तो मुझे घबराने की क्या जरूरत?

शिवसेना के साथ गद्दारी करने वाले शिंदे गुट पर भी हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यहां ऐसे लोग भी हैं, जो ‘मार्मिक’ में यदि विज्ञापन बढ़ जाएगा तो उठकर उसके अपना होने का दावा करेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे किसी होटल में सभी कमरे बुक हो जाएं और उनमें से सबसे ज्यादा कमरा बुक करने वाला आदमी बोले कि होटल का मालिक वो है, क्योंकि उसने सबसे ज्यादा कमरे बुक किए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘मार्मिक’ आज ६४ साल पूरे कर चुका है लेकिन इसकी धार अभी भी वैसी ही है। उम्र सबकी होती है, लेकिन जब आदमी मन से हार जाता है तब वह बुड्ढा हो जाता है। यह संयोग ही है कि जिस वक्त ‘मार्मिक’ शुरू हुआ, उस वर्ष मेरा जन्म हुआ। सभी के सहयोग और आशीर्वाद से मैं शिवसेना की परंपरा को लेकर आगे बढ़ रहा हूं। उन्होंने शिवसेना के उन लोगों की जमकर तारीफ की जो उनके साथ जुड़कर शिवसेना की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने शिवसेना नेता सुभाष देसाई, दिवाकर रावते सहित तमाम लोगों की सराहना की।

संपादकीय : ये बेमुरव्वत मजनूं! …लाड़ली बहनों को धमकियां

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की बेकायदा सरकार की करारी शिकस्त हुई। पैसे का उपयोग करके शिंदे गुट कुछ सीटें हासिल करने में कामयाब रहा। इसलिए राज्य सरकार ने अब इसी पैसे का इस्तेमाल कर वोट खरीदने का फंडा के तौर पर ‘लाड़ली बहन’ योजना की घोषणा की है। कुल मिलाकर योजना यह है कि सरकारी खजाने से बहनों के खाते में १,५०० रुपए प्रति माह जाएंगे और बदले में ये बहनें असंवैंधानिक सरकार के लिए वोट करें। यानी यह सरकारी पैसे से वोट खरीदने की योजना है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक और नेता ऐसे बयान देकर लाड़ली बहनों को धमकाने लगे हैं। सरकार के एक बेमुरव्वत मजनूं विधायक रवि राणा ने अमरावती में एलान किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुझे ही वोट दें, नहीं तो ‘लाड़ली बहन’ योजना के १,५०० रुपए आपके खाते से निकाल लूंगा। इसे एक धमकी ही कहा जाना चहिए। अमरावती की सुजान जनता द्वारा भाजपा की प्रिय बहन और रवि भाऊ की प्रिय पत्नी नवनीत राणा की दारुण हार के बाद से, राणा महाशय ने अपना संतुलन खो दिया है और निर्वाचन क्षेत्र में बहनों को धमकी देने लगे हैं। राणा के बाद शिंदे गुट के विधायक महेश शिंदे ने भी ऐसे ही फुत्कार मारी है। महाशय ने धमकी दी है, ‘अगर विधानसभा चुनाव में खिलाफत की गई तो ‘लाड़ली बहन’ योजना से नाम हटा देंगे।’ दरअसल पैसा सरकार का है, योजना सरकार की है। फिर ये सरकारी पैसा किसी मुख्यमंत्री महोदय की जेब से नहीं आया। इसलिए इस सरकारी योजना का लाभ बहनों को मिलना चाहिए, लेकिन सरकार की पार्टी के लोग इस तरह से फुफकार मार रहे हैं कि पैसों के बदले वोट दो। सिर्फ रवि राणा ही नहीं बल्कि सत्ताधारी दलों के कई विधायक, मंत्री और अधिकारी भी इसी सुर में बोल रहे हैं। चुनाव आयोग को इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने ८० करोड़ गरीबों को ५ किलो मुफ्त अनाज देने की योजना शुरू की। प्रधानमंत्री मोदी हालिया लोकसभा में ऐसे वोट मांग रहे थे जैसे कोई एहसान कर रहे हों। श्रीमान मोदी प्रचार में कह रहे थे कि मैं आपको पांच किलो अनाज मुफ्त में दे रहा हूं, आप मुझे वोटों का आशीर्वाद दीजिए, लेकिन मोदी को पांच किलो अनाज के बदले वोट नहीं मिला। अब ऐसा नहीं लगता कि महाराष्ट्र में भी कुछ अलग होगा। ऐसे में जब महाराष्ट्र पर कर्ज का पहाड़ है, शासकों ने चुनाव को देखते हुए ‘लाड़ली बहन’ जैसी योजनाओं की घोषणा की। लोकसभा चुनाव में हार से सरकार को अपनी प्यारी बहनों की याद आ गई। सच तो यह है कि शिंदे सरकार के दौरान कई लाड़ली बहनों के साथ अन्याय और उन पर अत्याचार हुआ है। ठाणे में शिंदे गुट में शामिल होने से इनकार करने वाली कई महिला शिवसैनिकों के घरों और छोटे व्यवसायों पर बुलडोजर चलाकर मुख्यमंत्री शिंदे ने पहले ही अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है। महाराष्ट्र ने ये सब खुली आंखों से देखा है। ‘लाड़ली बहन’ योजना में कई नियम और शर्तों से गुजरने के बाद पल्लू में में सिर्फ १,५०० रुपए आएंगे और इसकी कोई गारंटी नहीं है कि यह पैसा बाद में भी मिलता रहेगा। इसलिए ये सरकार विधानसभा में हारेगी और लाड़ली बहनें इन्हें हराएंगी। १,५०० रुपए में मुख्यमंत्री और उनकी टोली घर का चूल्हा जलाकर दिखाए। जब रेटकार्ड के मुताबिक दलबदलू नगरसेवकों को ५ करोड़, पदाधिकारियों को कम से कम दो करोड़, विधायक-सांसदों को ५० से १०० करोड़ है, तो राज्य की लाचार लाड़ली बहनों को १,५०० रुपए देना कहां का न्याय है? इसलिए राज्य की बहनें फिलहाल ये १,५०० रुपए जरूर लें, लेकिन निश्चिंत रहें कि राज्य में ‘ठाकरे’ सरकार आते ही इस १,५०० में भारी बढ़ोतरी होगी। रवि राणा जैसे सरकारी बेमुरव्वत मजनूं का लाड़ली बहनों के खातों से पैसे निकालने की बात करना सभी लाड़ली बहनों का अपमान है। क्या यह पैसा उसके बाप-दादाओं का है या सरकारी लूट का है? ये सवाल महाराष्ट्र पूछ रहा है। शिंदे का साम्राज्य धन का साम्राज्य है। पैसे से बना राज्य दुराचारियों का राज्य होता है। यदि ऐसा न होता तो लाड़ली बहनों का इतना अपमान न होता। एक ओर बहन कहकर हर माह १,५०० देने का सरकार दिखावा कर रही है और दूसरी ओर हमें वोट नहीं दिए तो ये पैसे तुम्हारे खातों से निकाल लेंगे, ‘लाड़ली बहन’ योजना से नाम हटा दिया जाएगा, ऐसी धमकियां सत्ता पक्ष के बेमुरव्वत मजनूं दे रहे हैं। जिसके चलते शिंदे सरकार की असली ‘नीयत’ सामने आ गई है। राज्य की सभी बहनें सही समय पर इस अपमान का उचित बदला लेंगी, हमारे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं!

लाडली बहनें नहीं उतारेंगी बेईमानों की आरती! … संजय राऊत का जोरदार हमला

महाराष्ट्र में आएगी ठाकरे-२ सरकार

सामना संवाददाता / मुंबई
लाडली बहन योजना वोट खरीदने के इरादे से लाई गई है। हालांकि, बेईमान चाहे कुछ भी कर लें, लेकिन लाडली बहनें उनकी आरती नहीं उतारेंगी। इस तरह का जोरदार हमला करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने दृढ़ विश्वास जताते हुए कहा कि इस बार महाराष्ट्र में ठाकरे-२ सरकार आएगी।
मीडिया से बात करते हुए संजय राऊत ने कहा कि किसी भी परिस्थित में महाराष्ट्र में ठाकरे-२ सरकार आएगी। ठाकरे-१ सरकार भी महाविकास आघाडीr की सरकार थी। इसलिए कितने भी पैसे बांटो, मुहाने पर पहुंचे चुनाव से पहले कितनी भी घोषणाएं करो, योजनाएं लाओ, पैसों की बारिश करो, वोटरों को खरीदने की कोशिश करो, फिर भी ठाकरे-२ सरकार को आने से कोई नहीं रोक सकता है। चुनाव भी आपको समय पर ही करना होगा।
वोटों को खरीदनेवाली है योजना
रवि राणा ने कहा था कि हमें वोट नहीं दिए, तो लाडली बहन योजना के पैसे हम वापस ले लेंगे। इस पर संजय राऊत ने कहा कि इसका सीधा सा मतलब है कि यह योजना लाडली बहनों के लिए नहीं है, बल्कि केवल वोट खरीदने के लिए है। उनकी भावना कितनी दूषित है यह इससे दिखाई दे रहा है। ये पैसे क्या वे अपनी जेब से रहे हैं? आप पैसे वापस लेनेवाले कौन हो? रवि राणा की पत्नी नवनीत राणा लोकसभा में पराजित हुई हैं इसलिए उनकी मानसिकता की जांच करनी पड़ेगी। इस बार रवि राणा भी पराजित होंगे। संजय राऊत ने कहा कि सत्ताधारी विधायक, नेता और मंत्री बार-बार इसी भाषा में बोल रहे हैं कि १५०० रुपए आपकों दे रहे हैं। इसलिए वोट दें अन्यथा उसे हम वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा कि ये पैसे क्या उनके बाप-दादाओं के हैं? यह जनता के टैक्स के पैसे हैं। इन पैसों पर उन बहनों का अधिकार है। संजय राऊत ने कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह सरकारी योजना है। महिलाओं को लाभ दीजिए, लेकिन जब हमारी सरकार आएगी तो हम १५०० रुपए में जरूर बढ़ोतरी करेंगे।

अजीत पवार को हराएंगी लाडली बहनें
संजय राऊत ने कहा कि बारामती में अजीत पवार खुद हार जाएंगे। बारामती की सभी लाडली बहनें उन्हें हराने जा रही हैं। महाराष्ट्र में सभी गद्दार विधायक दोबारा विधानसभा में नहीं आएंगे, लाडली बहनें ही उन्हें हराएंगी। ये लाडली बहनें इतनी भी मजबूर नहीं हैं कि कोई उनका वोट खरीद सके। सरकारी पैसे की बर्बादी, भ्रष्टाचार हो रहा है। सांसदों को खरीदने के लिए १०० करोड़ रुपए, विधायकों को खरीदने के लिए ५० करोड़ रुपए, नगरसेवकों खरीदने के लिए ५ करोड़ रुपए और लाडली बहनों के खाते में १५०० रुपए, वो भी अगर वोट नहीं मिले तो भी ले लेंगे। आज महाराष्ट्र की यह अवस्था है। अगर ये उनकी भाषा है तो ये लाडली बहनों का अपमान है।

…तो हमारी बढ़ेगी २०-१५ सीटें
मोदी और अमित शाह यदि प्रचार के लिए महाराष्ट्र में आ रहे हैं, तो वे राज्य में ज्यादा से ज्यादा सभाएं लें। चुनाव का फॉर्मूला फडणवीस के हाथ में होना चाहिए। यह महाविकास आघाडी के लिए शुभ संकेत है। संजय राऊत ने कहा कि इसका मतलब है कि हमारी २०-२५ सीटें जरूर बढ़ेंगी। संजय राऊत ने कहा कि जिन्होंने पार्टी चुराई, उन्हें नैतिकता की बात नहीं करनी चाहिए। एकनाथ शिंदे इतिहास को स्वीकार नहीं और वे भावनाशून्य हैं। यह देखें कि उनके सहकर्मी लाडली बहनों के बारे में क्या कह रहे हैं। यह देखें कि कैसे लाडली बहनों पर वोट देने का दबाव बनाया जा रहा है। ठाणे में लाडली बहनों के घर और व्यवसाय पर बुलडोजर चला दिया गया, क्योंकि वे शिंदे गुट में शामिल नहीं हुईं। संजय राऊत ने यह भी कहा कि ये क्रूर लोग हैं, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ गद्दारी की, साजिश तब रची जब वे अस्पताल में थे और उनकी हालत बिगड़ी हुई थी।

सेफ्टी नहीं तो ड्यूटी नहीं! … पूरे देश में डॉक्टरों की हड़ताल … चरमराई चिकित्सकीय सेवा

ठप हुई ओपीडी सेवाएं
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या किए जाने की घटना से देशभर में आक्रोश है। इस मामले को लेकर जल्द से जल्द जांच पूरी किए जाने और दोषियों को सजा दिए जाने की मांग हो रही है। इस बलात्कार के विरोध में पूरे देश में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। कई जगहों पर अस्पतालों में केवल इमर्जेंसी सेवाएं ही उपलब्ध हैं, वहीं ओपीडी पूरी तरह ठप हो गई है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन ने सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका असर मंगलवार को दिखाई पड़ा।
असोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था और अब तक के इतिहास में किसी रेजिडेंट के साथ सबसे बर्बर हादसा बताया था। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन की मांग है कि ऐसे सभी अधिकारियों और व्यक्तियों को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, जो महिला डॉक्टर की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी थे। इसके अलावा यह भी मांग की गई है कि प्रदर्शन करनेवाले डॉक्टरों पर किसी तरह की कार्रवाई न की जाए, वहीं उनकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की जाए। डॉक्टरों के संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का आश्वासन मांगा है। कोलकाता के ज्यादातर अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में मरीजों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। मरीज और उनके रिश्तेदार ओपीडी के आसपास भटकते रहे। लेकिन वहां ताला लटकता रहा। मुंबई के भी कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी विरोध में हिस्सा लिया। इसके अलावा राजधानी दिल्ली के एम्स में ८० फीसदी डॉक्टर हड़ताल पर रहे।

अस्पताल में डॉक्टर के रेप-हत्या केस की होगी
सीबीआई जांच-कलकत्ता हाई कोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के रेप-हत्या केस में सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी दस्तावेज तत्काल सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन पर कहा, `घटना वीभत्स है। उनको (प्रदर्शनकारी) ठेस पहुंची है और उनके द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त किया जाना जायज है।’