मुख्यपृष्ठराजनीति‘राज'नीति : बेचारी जसकौर मीणा

‘राज’नीति : बेचारी जसकौर मीणा

रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू

दौसा से भाजपा सांसद जसकौर मीणा की टिकट काटकर उनके स्थान पर पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया गया है। जसकोर मीणा अपनी पुत्री अर्चना मीणा को टिकट दिलवाना चाहती थीं, मगर राजस्थान के कृषि मंत्री डा. किरोड़ीलाल मीणा सांसद जसकौर मीणा का विरोध कर रहे थे। वह अपने भाई जगमोहन मीणा के लिए दौसा से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे। जसकौर मीणा व किरोड़ीलाल मीणा दोनों एक दूसरे के पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं। जसकौर मीणा पूर्व में सवाई माधोपुर से सांसद व बाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री रह चुकी हैं। दो बड़े नेताओं की लड़ाई में भाजपा आलाकमान ने बस्सी विधानसभा सीट से चार बार विधायक व राजस्थान सरकार में खेल मंत्री रह चुके कन्हैयालाल मीणा को टिकट देकर दो की लड़ाई में तीसरे को लाभ वाली कहावत को सार्थक कर दिया है। टिकट नहीं मिलने पर डा. किरोड़ीलाल मीणा व जसकौर मीणा दोनों ही खाली हाथ रह गए हैं।
सीकर से माकपा मैदान में
सीकर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी। यहां से कांग्रेस पार्टी ने माकपा प्रत्याशी अमराराम को समर्थन देने का पैâसला किया है। कांग्रेस पार्टी ने इंडिया गठबंधन के तहत सीकर सीट माकपा को व नागौर सीट हनुमान बेनीवाल की रालोपा को देने का पैâसला किया है। कांग्रेस ने बांसवाड़ा से भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। चर्चा है वहां भारतीय आदिवासी पार्टी के लिए कांग्रेस सीट छोड़ने जा रही है। सीकर से माकपा प्रत्याशी अमराराम चार बार धोद व दांतारामगढ़ से विधायक रह चुके हैं तथा वर्तमान में माकपा के प्रदेश सचिव हैं। हालांकि, वे २००४ से लगातार सीकर सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं, मगर कभी जीत नहीं पाए हैं। माकपा नेता अमराराम का नामांकन फॉर्म भरवाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, माकपा नेता वृंदा करात सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता उपस्थित थे। सीकर से भाजपा ने तीसरी बार मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती को प्रत्याशी बनाया है।
बे टिकट रहे पूनिया, राठौर
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आमेर व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ तारानगर सीट से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। ऐसे में चर्चा थी कि पूनिया को अजमेर व राठौड़ को राजसमंद से लोकसभा प्रत्याशी बनाया जाएगा, मगर भाजपा आलाकमान ने दोनों ही नेताओं को बे टिकट कर दिया है। सतीश पूनिया को हरियाणा का चुनाव प्रभारी बनाकर प्रदेश की राजनीति से बाहर भेज दिया है। वही राजेंद्र राठौड़ को चूरू लोकसभा सीट जीतवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चूरू से मौजूदा सांसद राहुल कस्वां की टिकट काट कर पैरा ओलंपिक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझडिया को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। अपनी टिकट कटने के लिए राहुल कस्वां ने पूरी तरह राजेंद्र राठौड़ को जिम्मेदार ठहराया है। राहुल कस्वां का कहना है कि राजेंद्र राठौड़ ने खुद ही चूरू के स्थान पर तारानगर से विधानसभा का चुनाव लड़ा और चुनाव हार गए ऐसे में मेरा क्या कसूर था। टिकट कटने पर कस्वां कांग्रेस टिकट पर चूरू से चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

अन्य समाचार