मुख्यपृष्ठनए समाचाररेलवे का खाना कभी ना खाना!...यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस के सौ से अधिक यात्री...

रेलवे का खाना कभी ना खाना!…यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस के सौ से अधिक यात्री पड़े बीमार

-पैंट्री कार से खरीदकर खाए थे अंडा करी

-लेकिन रेलवे ने कहा, अवैध वेंडरों का था खाना

-नागपुर से लखनऊ तक नहीं मिला इलाज

सामना संवाददाता / मुंबई

रेल यात्रियों की सुविधा का दंभ भरने वाले रेल प्रशासन की उस समय कलई खुल गई, जब ट्रेन में खाना खाकर १०९ यात्री बीमार पड़ गए। यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस के यात्रियों को तीन रेल मंडल मुख्यालय नागपुर, झांसी और भोपाल के गुजरने के बावजूद कहीं इलाज नहीं मिला। ऐशबाग पहुंचने पर रेलवे के डॉक्टरों ने बीमार यात्रियों का इलाज किया। इस दौरान रास्ते में इटारसी, भोपाल, झांसी और कानपुर जैसे बड़े रेलवे स्टेशन भी गुजरे। आईआरसीटीसी की आरंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह अंडा करी किसी अवैध वेंडर की तरफ से ट्रेन में वितरित किए गए थे।
यात्रियों ने की उल्टी होने की शिकायत
उल्लेखनीय है कि यशवंतपुर-गोरखपुर सुपरफास्ट में रसोई यान का खाना बेचने वाले कर्मचारियों से नागपुर में गुरुवार शाम को एसी थर्ड बोगी बी-१, बी-३, बी-५, बी-७ के यात्रियों ने अंडा करी खरीदा था। अंडा करी खाते ही करीब ५० यात्रियों ने उल्टी होने की शिकायत की। यात्रियों ने इटारसी के पहले इसकी सूचना रेलवे को दी। इस पर भी इटारसी में यात्रियों को इलाज नहीं मिला। इसके बाद झांसी से भी ट्रेन निकल गई।
बढ़ती गई बीमार यात्रियों की संख्या
कानपुर में ५९ और यात्री अंडा बिरयानी खाने के बाद बीमार हो गए। यात्रियों को उल्टी और दस्त होते देख टिकट चेकिंग स्टाफ ने तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दी। कंट्रोल रूम से मिली सूचना को रेलवे के डॉक्टरों ने पूर्वोत्तर रेलवे की ऐशबाग पॉलिक्लीनिक के डॉक्टर संजय तिवारी को साझा की। जिसके बाद डॉ. संजय तिवारी और पैरामेडिकल स्टाफ दवाएं लेकर ऐशबाग स्टेशन पहुंच गए।
लखनऊ नहीं उतरे यात्री
दोपहर करीब डेढ़ बजे ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आई। यहां ५० यात्री बीमार चिह्नित किए गए। उनको दवा और ओआरएस देकर ट्रेन से उतरने को कहा गया। हालांकि, यात्री लखनऊ नहीं उतरे और आगे रवाना हो गए। उधर पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी महेश कुमार गुप्ता रेलवे का पक्ष रखते हुए कहा कि खाना खाने से ४५ यात्री बीमार हुए थे। उनका उपचार किया गया।

अन्य समाचार