मुख्यपृष्ठटॉप समाचारभाजपाई टिड्डियों से उद्धव ठाकरे का सवाल : मोदीभक्तों, आप देशभक्त नहीं...

भाजपाई टिड्डियों से उद्धव ठाकरे का सवाल : मोदीभक्तों, आप देशभक्त नहीं हो क्या? … हिंगोली की सभा में उमड़ा भगवा तूफान

सामना संवाददाता / मुंबई
मराठवाड़ा में एक बार फिर से जनसंवाद का भगवा तूफान लेकर आए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल मोदीभक्तों की जबरदस्त तरीके से बखिया उधेड़कर रख दी। शिवाजी पार्क पर हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की सभा में भाषण की शुरुआत ‘मेरे देशभक्त भाइयों…’ से करने पर मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया, ऐसी बांग भाजपा के चिल्लरों ने लगाई है। हालांकि, मोदीभक्तों से मेरा सवाल है, ‘देशभक्ति’ शब्द आपको पसंद नहीं है क्या? आप देशभक्त नहीं हैं क्या? इन शब्दों में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मोदीभक्तों पर जोरदार हमला किया है। ये हिंदुत्वादी हैं, देश के लिए कुछ तो करेंगे, ऐसा हमें लग रहा था, लेकिन सरकारी तंत्रों को बेरोकटोक हाथ में लेकर हफ्ता वसूल करनेवाली टोली यानी भाजपा, इस तरह का जोरदार तंज उद्धव ठाकरे ने कसा।
हिंगोली जिले में कल जनसंवाद का भगवा तूफान आया हुआ था। शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने वसमत, सेनगाव में जनमानस से संवाद साधा। इस दौरान मंच पर शिवसेना नेता, सांसद संजय राऊत, परभणी के सांसद संजय जाधव, विधान परिषद के विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे, संपर्क प्रमुख बबनराव थोरात, पूर्व मंत्री डॉ. जयप्रकाश मूंदड़ा, शिवसेना सचिव मिलिंद नार्वेकर, पूर्व सांसद सुभाष वानखेडे, पूर्व विधायक नागेश पाटील आष्टीकर, जिलाप्रमुख विनायक भिसे, संदेश देशमुख आदि उपस्थित थे।

लोग जप्त करेंगे गद्दारों की डिपॉजिट!
उद्धव ठाकरे का जोरदार प्रहार
संतों की भूमि हिंगोली में सांसद और विधायकों ने गद्दारी की। क्या नहीं दिया उनको? लेकिन चले गए। गद्दार गए, लेकिन निष्ठावान शिवसैनिक मेरे साथ हैं। जिले के हल्दी संशोधन परियोजना को मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने मंजूरी दी। अब ये टिन के डिब्बे आते हैं और कहते हैं, हमारे चलते ही परियोजना आई, इसलिए आओ मैदान में, देखो…लोग क्या आपको चुनते हैं! गद्दार खड़े रहें, लोक उनकी डिपॉजिट जप्त किए बिना नहीं रहेंगे। इस तरह का सनसनीखेज तंज उद्धव ठाकरे ने कसा। वे हिंगोली में एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
फडणवीस को सेंधमारी का लाइसेंस दो
कल एक साक्षात्कार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘मैं फिर से आया, दो पक्ष फोड़कर’ इस तरह बड़बोला बयान दिया। फडणवीस के इस पुचकार की उद्धव ठाकरे ने जोरदार तरीके से चीरफाड़ कर दी। फडणवीस को अब सेंधमारी का लाइसेंस दे ही देना चाहिए। दो दल फोड़कर आए, आते समय ‘आदर्श’ वाले को भी साथ में ले लिया। जिन पर आरोप लगाया उन्हें ही पार्टी में ले लिया। इस तरह का शाब्दिक चोट उद्धव ठाकरे ने पहुंचाई।
झूठेपन का करो पर्दाफाश
हिंगोली के पालकमंत्री महिलाओं को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं और आप उनसे चिपक कर बैठते हो, यही है आपका हिंदुत्व और हमें हिंदुत्व सिखाते हो। दस सालों में भाजपा ने लोगों को झांसेवाला आश्वासन देने से ज्यादा कुछ नहीं किया है। इस झूठ का पर्दाफाश अब करने का समय आ गया है। जनता की अदालत में अब पैâसला होगा ही, ऐसा उद्धव ठाकरे ने कहा। शिवाजी पार्क पर हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की सभा में भाषण की शुरूआत ‘मेरे देश भक्त भाइयों…’ से करने के कारण भाजपा का झुनझुना बजना शुरू हो गया है। मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया, इस तरह भाजपावाले कांव-कांव कर रहे हैं। इसकी अच्छी तरह से खबर लेते हुए उद्धव ठाकरे भाजपा पर जमकर गरजे। मोदी भक्तों को देशभक्ति शब्द से तकलीफ है क्या? मोदीभक्त देश भक्त नहीं हैं क्या? हमें लगता था कि भाजपा हिंदुत्ववादी है। उसी समझ के चलते हम कई सालों तक साथ थे। लेकिन ये तो सरकारी तंत्रों को हाथ में लेकर रंगदारी वसूल करनेवाली टोली है! यह कौन सा आया हुआ पक्ष है? कोई नौतिकता, कुछ विचार इनमें शेष बचा रह गया है क्या? इस तरह का जोरदार तंज उद्धव ठाकरे ने कसा।
अब सच्चे दिन आएंगे
अच्छे दिन का लॉलीपॉप दिखाकर भाजपा ने साल २०१४ में सत्ता हासिल की, लेकिन देश के लिए इन्होंने कुछ नहीं किया। सत्यपाल मलिक ने पुलवामा को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया। इस पर भाजपावालों को आपत्ति हुई। देश की रक्षा करनेवाले जवानों को किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी गई। इसलिए इन जवानों को अकारण ही अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मोदी सरकार की थी। लेकिन सरकार ने मलिक को ही चुप करा दिया। मलिक के किए गए वक्तव्यों की जांच क्यों नहीं कराई गई? उस पर नमक की कुल्ली करना और धर्म-धर्म में झगड़े लगाकर अपना मतलब साधना, बस इतना ही काम भाजपा ने किया। इस तरह का जबरदस्त तंज इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कसा। अच्छे दिन छोड़िए, अब सच्चे दिन आनेवाले हैं। हमारी सरकार आएगी। इस तरह का आत्मविश्वास भी उन्होंने व्यक्त किया।
अबकी बार, भाजपा तड़ीपार!
किसानों की आय दोगुना करनेवाले थे। साल में दो करोड़ नौकरियां देनेवाले थे। क्या-क्या करनेवाले थे… इन सभी आश्वासनों का क्या हुआ? हवा में खो गए? कृषि ऊपज को गारंटी मूल्य नहीं मिल रहा है। उत्पादन खर्च बढ़ गया है, लेकिन किसानों की जेब में नहीं आ रहा है। इसलिए ‘अबकी बार, भाजपा तड़ीपार!’ नारा अब गांव-गांव में घूमना चाहिए। अब आचार संहिता लग गई है। इसलिए मोदी सरकार का गुणगान करनेवाला रथ आते ही रोको, ऐसा उद्धव ठाकरे ने कहा।

अन्य समाचार