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अब तक कहां थी शिंदे सरकार? … चुनाव के समय आई दिव्यंगों की याद

 प्रदेश में दिव्यांगोें का मिलेगा सटीक आंकड़ा

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में दिव्यांगों के सटीक आंकड़े मौजूदा समय में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को साधने के लिए शिंदे सरकार दिव्यांगों सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है। इसके तहत राज्य भर में घर-घर जाकर दिव्यांग व्यक्तियों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। ऐसे में इस सर्वे से दिव्यांगों की सही संख्या स्पष्ट हो जाएगी। हालांकि कई दिव्यांगों का कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही सरकार को उनकी याद आई है। अब तक यह सरकार कहां थी।
उल्लेखनीय है कि दिव्यांग व्यक्तियों की पहचान करने, उनका समग्र रूप से पुनर्वास करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए जानकारी एकत्र की जाएगी। साल  २०११ की जनगणना के अनुसार राज्य में दिव्यांगों की संख्या २९ लाख ६३ हजार है। राज्य की कुल जनसंख्या में दिव्यांगों का अनुपात २.६ प्रतिशत है। पुराने कानून में दिव्यांगों की केवल सात श्रेणियां थीं। लेकिन नए कानून के मुताबिक २१ प्रकार के दिव्यांगों को परिभाषित किया गया है। बता दें कि आचार संहिता लागू होने से पहले दिव्यांग कल्याण विभाग ने बकायदा शासनादेश जारी किया था।
दिव्यांगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की योजना, दिव्यांग निवारक उपायों के लिए गतिविधियों और योजनाओं के बारे में बताया गया है। राज्य के जिलों में दिव्यांगजनों के सर्वेक्षण के लिए संबंधित जिलाधिकारी और मनपा क्षेत्रों में आयुक्त नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। दिव्यांगजनों के सर्वेक्षण कार्य के लिए एक स्वयंसेवी संस्था का चयन किया जाएगा। जिसमें सहायक आयुक्त या जिला समाज कल्याण अधिकारी होंगे।

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