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ऑस्ट्रेलिया से आया चीनी वायरस …मेटा ने लपेटा!

-सूचना के बाद भी नहीं चेता प्रशासन
-हिंदुस्थान में मिला पहला मरीज
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
देश-दुनिया में लोग अभी कोरोना के कहर से उबर ही रहे थे कि पिछले साल एक और रहस्यमयी बीमारी ने हमला कर दिया, जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने व्हाइट लंग सिंड्रोम का नाम दिया। चीन में मौत का तांडव करनेवाले रहस्यमयी इस चीनी वायरस ने हिंदुस्थान में भी दस्तक दे दिया है। देश में पहला केस ठाणे शहर में मिला है। बताया गया है कि पिछले महीने चीनी वायरस मेटा न्युमो ने ४९ वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को लपेट लिया था। हालांकि, डॉक्टरों की कड़ी मशक्कत के बाद फिलहाल मरीज को बचा लिया गया है। इसके अलावा मरीज के संपर्क में आए सभी लोगों की जांच की गई। इसके बाद अस्पताल ने तत्काल इसकी सूचना ठाणे मनपा स्वास्थ्य विभाग को दी, लेकिन मनपा प्रशासन अभी भी नहीं चेता है और मामले में लापरवाही बरत रहा है।
उल्लेखनीय है कि आईटी जॉब करनेवाला ऑस्ट्रेलियाई नागरिक १६ फरवरी को ठाणे के बालकुम में रहनेवाली अपनी सास से मिलने के लिए हिंदुस्थान आया था। हिंदुस्थान पहुंचने के २-३ दिन बाद ही उन्हें खांसी और कमजोरी की शिकायत होने लगी। इसके बाद नौपाड़ा में २८ फरवरी को होराइजन अस्पताल के भर्ती कराया गया। अस्पताल में भर्ती होते ही बुखार और सांस लेने में दिक्कत और बढ़ गई। ऑक्सीजन सेचुरेशन ६५ प्रतिशत पर पहुंच गई थी। ऐसी स्थिति में उसे एनआईवी सपोर्ट दिया गया। इसके बाद आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद मरीज को तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया, फिर भी श्वसन में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद जान बचाने के लिए २९ फरवरी को ईसीएमओ थेरेपी शुरू की गई। मरीज की निगरानी डॉ. ऋषिकेश वैद्य के मार्गदर्शन में चल रही थी। इस बीच मरीज में सुधार दिखने पर ७ मार्च को ईसीएमओ बंद कर दिया गया। अब मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया है।
मनपा की लापरवाही उजागर
मरीज का इलाज कर रहे डॉ. वैद्य ने कहा कि मेटा न्युमो वायरस हवा के जरिए लोगों में पैâलता है। ऐसे में जैसे ही इस रोगी की जानकारी हुई, हमने तुरंत इसकी जानकारी मनपा के स्वास्थ्य विभाग को दे दी। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बचाव को लेकर किसी तरह के कोई भी उपाय नहीं किए गए हैं। फिलहाल, जब इस बारे में जानकारी लेने के लिए मनपा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतना नितिल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल उठाने की भी जहमत नहीं उठाई।
ये हैं इसके लक्षण
सांस लेने में तकलीफ, सीने में लगातार दर्द रहना, हर समय थकान महसूस होना, सर्दी-खांसी होना, बुखार आदि इसके लक्षण हैं। ऐसे में इस बीमारी को मात देने के लिए फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने की जरूरत है। डॉ. वैद्य ने कहा कि इसके लिए दौड़ने, तैरने, चलने के साथ ही योग करना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही प्रदूषण से भी दूरी बनाना आवश्यक है।
कोविड के प्रोटोकाल का पालन
डॉ. वैद्य ने कहा कि कोरोना की तरह ही इस बीमारी से खुद को बचाने के लिए लंबी दूरी बनाए रखें। अपने हाथों को सेनिटाइज करें और बार-बार धोएं। अगर आपको हल्का बुखार भी है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सर्दी-खांसी होने पर तुरंत मास्क पहनें। अपने आपको अलग कर लें। साथ ही अपनी डाइट भी हेल्दी रखें। वजन बढ़ने से बचने के लिए योग करें।
यह है चीनी वायरस
चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. अनिल सिंघल ने कहा कि कोरोना की तरह ही मेटा न्युमो वायरस की शुरुआत चीन से ही हुई है। यह फेफड़ों के लिए बहुत घटक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वायरस म्यूटेंट होते रहते हैं। इसलिए सौ सालों तक हमें इसके साथ ही रहना पड़ेगा। उन्होंने इस और भी ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि अगली पीढ़ी दवाओं पर ही आश्रित रहनेवाली है।

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