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ईवीएम बंद करने के पीछे मोदीकृत षड्यंत्र! … ‘फेकनामा’ है भाजपा का घोषणापत्र -संजय राऊत का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
ईवीएम मशीन को बंद करना, वोट डालने में रुकावट पैदा करना और वोटरों के वोट डालने से मुंह मोड़ना, यह सब एक साजिश का हिस्सा होता है। फिर शाम के करीब वे ईवीएम मशीनें चालू हो जाती हैं और अचानक जिनसे वोट कराना है, उनका झुंड खड़ा हो जाता है। मतदान के लिए जो वोटर सुबह पहुंचता है, उसे नाउम्मीद और निराश करके वापस भेजना यह चुनाव तंत्र में मोदीकृत भाजपा का षड्यंत्र है। इस तरह का जोरदार हमला करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि भाजपा का घोषणापत्र केवल ‘फेकनामा’ है।
लोकसभा चुनाव को लेकर कल महाराष्ट्र में आठ सीटों पर दूसरे चरण की वोटिंग हुई। इस पृष्ठभूमि पर कल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने प्रेस कॉन्प्रâेंस में ईवीएम मशीन बंद होने के मुद्दे पर और भाजपा द्वारा शिवसेना के वचननामा पर की गई टिप्पणी पर जमकर खबर ली। इसके साथ ही उन्होंने शिंदे गुट पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आठ में से तीन सीटों पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना, बालासाहेब की मूल शिवसेना और चुराई गई शिवसेना के बीच लड़ाई है। उन्होंने दृढ़ विश्वास जताते हुए कहा कि इन सभी सीटों पर हम ही जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कल आठ सीटों पर वोटिंग हुई। इन सीटों पर भाजपा और उनके नए सहयोगियों को महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवारों के सामने भारी संघर्ष का सामना करना पड़ा है। विदर्भ में पहले चरण की वोटिंग हुई। उसमें पांच सीटों और अब आठ सीटों समेत हर चरण की वोटिंग में महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी जीतेंगे। इस तरह का माहौल मौजूदा समय में साफ दिखाई दे रहा है। संजय राऊत ने कहा कि हमारा लक्ष्य ३५ से अधिक सीटें जीतने का है। इतनी सीटें हम जीत रहे हैं। इसमें आठों सीटें शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस जीत रही है।
यह साजिश का हिस्सा
वर्धा और अमरावती में कुछ स्थानों पर सुबह के करीब ईवीएम बंद हो गए थे। उस पर संजय राऊत ने संदेह जताते हुए कहा कि यह बार-बार हो रहा है और आगे भी इसी तरह से होता रहेगा। अमरावती में तो कोई अघोरी कृत्य हो सकता है। वर्धा में भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक चुकी है। उद्धव ठाकरे वहां और अमरावती में जाकर आए हैं। संजय राऊत ने कहा कि वोटिंग के दौरान मशीन बंद होना यानी यह साजिश का हिस्सा है।

फडणवीस ने रची थी शिंदे की गिरफ्तारी की साजिश
एकनाथ शिंदे पर गंभीर स्वरूप के आरोप हैं इसलिए देवेंद्र फडणवीस साजिश के तहत शिंदे को गिरफ्तार करनेवाले थे। उस गिरफ्तारी से घबराकर ये डरपोक लोग भाग गए। इस तरह का तंज शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व सांसद संजय राऊत ने कसा है। अकोला में कल सांसद संजय राऊत की सभा आयोजित की गई। उससे पहले उन्होंने शिर्डी में मीडिया से संवाद साधा। इस मौके पर शिवसेना नेता अनिल देसाई भी उपस्थित थे। इस बीच ईवीएम को लेकर मीडिया के पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए संजय राऊत ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ जनता की भावना प्रबल है। इससे एक तरह का जनाक्रोश पैदा हो गया है। न्यायालय ने अक्सर जनभावना का सम्मान करते हुए पैâसले दिए हैं। इस लोकतंत्र में लोगों को चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। ऐसे में इस लोकतंत्र का क्या फायदा? आप बैलेट पेपर, वीवीपैट की मांग नहीं मानते हैं। हालांकि, कोर्ट को इस मामले को गंभीरता से समझना चाहिए था। इसे लेकर पिछले कई सालों से लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आक्रोश कोर्ट तक नहीं पहुंचा। इसका मतलब चुनाव आयोग समेत कोर्ट पर भी दबाव हो सकता है। संजय राऊत ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में जनता का विश्वास नहीं रहा। लोगों का कहना है कि उनका वोट कहां जा रहा है, यह उन्हें पता ही नहीं चलता। मतदान के दो चरण पूरे हो गए हैं इसलिए अब बोलने का कोई मतलब नहीं है।

 

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