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समाज के सभी वर्गों को भाया शिवसेना का वचननामा

• एक साल में देंगे ३० लाख नौकरियां
• गांवों में ही मिलेगा रोजगार
• आरक्षण सीमा बढ़ाने पर देंगे जोर
• टैरर टैक्स पर लगेगी पाबंदी
• स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रतिबद्ध
• उद्योग-धंधों को मिलेगी आसानी से अनुमति

लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना का वचननामा जारी किया। शिवसेना के इस वचननामे को हर वर्ग का अच्छा प्रतिसाद मिला है। सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए वचननामा तैयार किया गया है। वचननामा में विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी, किसानों की समस्या, महिलाओं की सुरक्षा और समस्या दोनों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। वचननामे में युवाओं पर विशेष फोकस है, क्योंकि युवा देश के विकास की रीढ़ होते हैं। इसके अलावा आरक्षण की सीमा ५० प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाने पर जोर दिया है। साथ ही लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा गया है। महाराष्ट्र में उद्योग-धंधों को गति देने पर भी ध्यान है। पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक व वित्तीय सहायता का भी प्रावधान है।

अपने आवास ‘मातोश्री’ पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना का वचननामा मेनिफेस्टो जारी किया। पिछले दो वर्षों में मोदी सरकार के आशीर्वाद से राज्य की परियोजनाओं को महाराष्ट्र से गुजरात और अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उद्धव ठाकरे ने घोषणापत्र की घोषणाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार आते ही महाराष्ट्र पर यह अन्याय पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के वचननामा में व्यापक वादे दिए गए हैं और उन्हें शिवसेना के वचननामा में शामिल किया गया है, ताकि इसमें महाराष्ट्र के लिए आवश्यक चीजें शामिल हों।

ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगारों के लिए गांव में ही रोजगार
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी के कारण युवाओं को शहरों, बाहरी राज्यों और विदेशों की ओर पलायन करना पड़ता है। इसे रोकने के लिए हम ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित कर रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।
आरक्षण की सीमा ५० फीसदी से ज्यादा बढ़ाने पर जोर
भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण के मुद्दे को लटकाकर रखा है। ओबीसी समुदाय भी तनाव में है। धनगर, कोली और भटके-विमुक्त लोगों की मांगें भी लंबित हैं। इसके लिए वे आरक्षण की सीमा ५० फीसदी से बढ़ाने पर जोर देंगे।
पिछड़े विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु सहायता
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और आर्थिक रूप से अन्य पिछड़े समूहों के छात्रों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ विदेश में पढ़ाई के लिए सहायता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
कोविड का सामना करते हुए राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियां भी उजागर हुर्इं। इसके लिए हर जिले के अस्पतालों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। वहां सक्षम मैनपावर उपलब्ध कराया जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
टैरर टैक्स पर रोक
मोदी सरकार के दमनकारी जीएसटी क्रियान्वयन से व्यापारी और उद्यमी परेशान हैं। सभी अर्थशास्त्रियों की सलाह से इस टैरर टैक्स को रोकने के लिए सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही दर से कर लगाने के लिए सुधार किए जाएंगे।
जीएसटी प्रणाली को लागू करते समय केंद्र सरकार राज्यों को दोयम मानती है और सभी निर्णय केंद्र के अनुकूल लिए जाते हैं। व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा, ताकि राज्य को केंद्र के आगे हाथ न फैलाना पड़े।
स्थानीय स्व-सरकारी निकायों को जीएसटी राजस्व का उचित हिस्सा प्रदान करने का प्रावधान किया जाएगा, ताकि नागरिकों को अत्यावश्यक नागरिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
अन्नदाता किसानों की विशेष चिंता
किसानों के बीज, खाद, औजारों पर जीएसटी खत्म किया जाएगा।
फसल बीमा के दमनकारी नियम हटाएंगे। कृषि क्षतिपूर्ति योजना का लाभ कृषि उपज की बर्बादी रोकने के लिए गोदामों का निर्माण किया जाएगा।
किसानों को कृषि उत्पादों के लिए उचित गारंटी दर मिलेगी, ताकि वे कर्जदार न बनें।
जो फसल बिकेगी, वही पैदा की जाएगी, इस आधार पर किसानों के लिए कौन-सी फसल उपयुक्त है, इस पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन।
कृषि उपज को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए आपूर्ति शृंखला।
विनाशकारी परियोजनाओं को राज्य से बाहर किया जाएगा
पर्यावरण और लोगों के जीवन के लिए जैतापुर, बारसू, वाढवण जैसी विनाशकारी हानिकारक परियोजनाओं को महाराष्ट्र से बाहर निकाला जाएगा और उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार को ऐसी परियोजनाओं को अस्वीकार करने का अधिकार दिलाया जाएगा।
• उद्योग, व्यापार और रोजगार
मुंबई में नए वित्तीय केंद्र की स्थापना से राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
पर्यटन विकास को बढ़ावा दिया जाएगा, हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
महाराष्ट्र में उद्योग-धंधों की तुरंत अनुमति देने के लिए नीति लाएंगे
एक साल में ३० लाख नौकरियां दी जाएंगी, ५० फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी
एक साल में सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में ३० लाख भर्ती कर युवक-युवतियों को रोजगार देंगे। केंद्र सरकार में सभी नई नौकरियों में से ५० प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह गरीबों के लिए शहरी रोजगार गारंटी योजना भी लागू की जाएगी।

महिलाओं से दुर्व्यवहार करने वालों पर सख्त कार्रवाई
शिवसेना ने अपने वादे में सामाजिक सुरक्षा, स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों की स्वायत्तता, महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान आदि पर भी विचार किया है। वचननामा में महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी वादा किया गया है।
युवा विकास की रीढ़ हैं
महाराष्ट्र के युवाओं को महाराष्ट्र राज्य में ही विश्व स्तरीय शिक्षा मिलेगी।
आधुनिक युग की मांग के अनुरूप विश्वविद्यालयों की शिक्षा में शोध, कौशल विकास, आधुनिक तकनीक को जोड़कर बदलाव किया जाएगा।
शिक्षा पूरी होते ही उन्हें नौकरी के अवसर दिए जाएंगे।
खेल और खिलाड़ियों के लिए हर जिले में अंतर्राष्ट्रीय मानक खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मधुमेह और अन्य बीमारियों से पीड़ित छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जा सके इसलिए विशेष योजना लागू की जाएगी।
मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया जाएगा।
महाराष्ट्र वर्षों से मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन महाराष्ट्र और मराठियों के प्रति पूर्वाग्रह के कारण मराठी लोगों की यह उचित मांग मंजूर नहीं की गई है। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और इंडिया गठबंधन सरकार आने पर इसे विशेष प्राथमिकता देगी।
मुंबई में बुनियादी सुविधाओं के लिए केंद्र से पर्याप्त वित्तीय सहायता ली जाएगी।
मुंबई केंद्र सरकार को आयकर, सीमा शुल्क और अन्य करों के माध्यम से सबसे अधिक कर देता है। हालांकि, उसकी तुलना में मुंबई को पर्याप्त हिस्सा नहीं मिलता। मुंबई को एक रुपए में से केवल आठ पैसे का भुगतान किया जाता है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है और शिवसेना ने यह भी वादा किया है कि इंडिया गठबंधन सरकार आने के बाद हम मुंबई और महाराष्ट्र की बुनियादी सुविधाओं के लिए केंद्र से पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करेंगे।

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