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१७ सेकंड का खौफ और २४१ मौतें! …हिंदुस्थान के एविएशन इतिहास का सबसे भयावह हवाई हादसा

-अमदाबाद हादसे में एक यात्री बचा
-विजय रूपाणी की मौत
-३ मेडिकल छात्रों की भी मौत
-एयर इंडिया की बुकिंग पर असर
-डीएनए से होगी शवों की पहचान
-टाटा ग्रुप को बहुत बड़ा आघात
-पीड़ित परिवारों को रु. १-१ करोड़ का देगा मुआवजा

सामना संवाददाता / अमदाबाद
१२ जून २०२५, दोपहर का वक्त। अमदाबाद एयरपोर्ट पर एक अलग ही हलचल थी। एयर इंडिया की लंदन जाने वाली उड़ान एआई-१७१ की बोर्डिंग शुरू हो चुकी थी। सबकुछ सामान्य था। यात्री इमिग्रेशन और सिक्योरिटी चेक की लाइन में थे। १:१५ बजे तक सभी यात्री बोर्डिंग गेट से गुजर चुके थे। अंदर विमान में हलचल थी। कोई विंडो सीट से बाहर देख रहा था, तो कोई सीट बेल्ट कस रहा था। १.२९ बजे विमान ने टैक्सी करना शुरू किया। कुछ लोगों ने भगवान का नाम लिया। कुछ ने आंखें मूंद लीं। १.३९ बजे, टेकऑफ हुआ। एयर इंडिया का ७८७-८ ड्रीमलाइनर धीरे-धीरे आसमान की ओर उठने लगा। ठीक १७ सेकंड बाद विमान नीचे आने लगा और हादसे का शिकार हो गया।

बॉयज हॉस्टल पर गिरा
विमान जमीन से उठा ही था और बमुश्किल ६०० फुट ऊपर उठा था कि उसने नीचे आना शुरू कर दिया और नीचे एक बॉयज हॉस्टल की बिल्डिंग के ऊपर जा गिरा। मात्र १२ सेकंड में सारा खेल हो गया। एक भीषण झटका लगा और विमान आग के गोले में तब्दील हो गया। पलक झपकते ही २४१ यात्री राख में तब्दील हो गए।

खुशकिस्मत रमेश विश्वास
सिर्फ एक खुशकिस्मत यात्री विश्वास कुमार रमेश की जान बच सकी। रनवे से कुछ सौ मीटर की दूरी पर एक भयानक मंजर था। चारों ओर सिर्फ धुआं और आग पैâला हुआ था।

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