राहगीरों की सुविधा के लिए आगे आई आरटीओ
सामना संवाददाता / मुंबई
शहर और उपनगरों की अधिकांश सड़कों से फुटपाथ गायब हो गए हैं, जिससे पैदल यात्रियों की राह बेहद कठिन हो गई है। कई लोग अब मजबूरी में सड़कों पर ही चलने को मजबूर हैं। इस वजह से क्षेत्रीय परिवहन विभाग (आरटीओ) ने ‘सड़क की दाईं ओर चलें’ नामक जनजागरूकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत आरटीओ के उड़नदस्ते जगह-जगह पर सक्रिय हो गए हैं। इस बीच, पैदल यात्रियों की ओर से यह सवाल उठाया जा रहा है कि फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ मनपा कब सख्त कार्रवाई करेगी?
सड़क चौड़ीकरण, दुकानों के अवैध निर्माण और फेरीवालों के अतिक्रमण के कारण कई जगह फुटपाथ बचे ही नहीं हैं। ऐसे इलाकों में पैदल यात्रियों को सड़कों पर चलना पड़ता है। आमतौर पर पैदल यात्री बाईं ओर चलते हैं, लेकिन तेज रफ्तार वाहनों के पीछे से टक्कर मारने की कई घटनाएं बीते वर्षों में सामने आई हैं, जिनमें जानें भी गई हैं। इन हादसों को रोकने के लिए आरटीओ की ओर से जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल-कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर आरटीओ के अधिकारी लोगों को सड़क की दाईं ओर चलने की अपील कर रहे हैं। इसके लिए पर्चे बांटे जा रहे हैं और जगह-जगह बोर्ड लगाकर संदेश दिए जा रहे हैं।
चार आरटीओ, सात उड़न दस्ते
इस अभियान में मुंबई शहर और उपनगरों में ताड़देव, वडाला, अंधेरी और बोरीवली आरटीओ कार्यालय कार्यरत हैं। इनमें ताड़देव, वडाला और अंधेरी कार्यालयों में दो-दो उड़न दस्ते सक्रिय हैं, जबकि बोरीवली कार्यालय के अंतर्गत एक उड़नदस्ता सड़क पर उतरकर पैदल यात्रियों को जागरूक कर रहा है। मुंबई और ठाणे से श्री साईबाबा के दर्शन के लिए कई श्रद्धालु शिर्डी तक पैदल यात्रा करते हैं। ये श्रद्धालु भी अक्सर सड़क की बाईं ओर चलते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है इसलिए साईभक्त मंडलों में भी यह अभियान चलाया जा रहा है।
‘पिछले कुछ वर्षों में पैदल यात्रियों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की दर बढ़ी है। पीछे से आनेवाले तेज रफ्तार वाहनों का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे हादसे होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हम पैदल यात्रियों से अपील कर रहे हैं कि वे फुटपाथ न होने की स्थिति में सड़क की दाईं ओर चलें। आरटीओ ने पैदल यात्री सुरक्षा के लिए यह जनजागरूकता पहल शुरू की है।’
-श्याम कासार, सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, बोरीवली