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सिटीजन रिपोर्टर : सड़क कार्य की कछुआ चाल ट्रैफिक जाम का जंजाल!…कब खत्म होगा घाटकोपर-मानखुर्द का ट्रैफिक का टंटा?

घाटकोपर

मुंबई और उपनगरीय इलाकों में ट्रैफिक जाम के जंजाल में आम-सामान्य जनता फंसती जा रही है। वैसे मुंबई के लिए ट्रैफिक जाम की समस्या कोई नई नहीं है। प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी इस समस्या से निजात मिलती नजर नहीं आ रही है। ठाणे, कल्याण, कोकण, नई मुंबई और इस क्षेत्र के वाहनों को मुंबई में प्रवेश करने के लिए घाटकोपर से गुजरना पड़ता है। इसी तरह वापसी के लिए भी यहीं से जाना पड़ता है। ऐसे में रोजाना लगभग सैकड़ों गाड़ियों का आवागमन यहां से होता है, जिसके चलते यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। इस ट्रैफिक जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए कामराजनगर के पास ईस्टर्न एक्सप्रेसवे पर बने पुल को तोड़कर उसे बड़ा बनाने का कार्य जारी है, लेकिन इस कार्य की कछुआ चाल के चलते ट्रैफिक जाम की परेशानी और भी बढ़ गई है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर राजेंद्र सिंह ने इस मामले को लेकर कई वाहन चालकों से बातचीत की और उनके द्वारा बताए गए दु:ख-दर्द को वे जल्द ही प्रशासन के सामने रखनेवाले हैं।
गौरतलब है कि घाटकोपर छेड़ानगर जंक्शन पर लाखों की संख्या में रोजाना वाहनों के आवागमन की वजह से यहां भारी ट्रैफिक जाम लगा रहता है, जिसे कम करने के लिए घाटकोपर रमाबाईनगर तक एक उड़ानपुल का प्रस्ताव दिया था। इसे बना भी दिया गया, लेकिन छेड़ानगर जंक्शन का ट्रैफिक लोड कम नहीं हुआ। अब दोबारा से कामराजनगर के पुराने ब्रिज को तोड़कर बड़ा बनाने का प्रस्ताव सड़क परिवहन विभाग द्वारा दिया गया था। कार्य की गति इतनी धीमी है कि फिर से यहां ट्रैफिक जाम लगने लगा है। कुर्ला से और चेंबूर-सांताक्रुज लिंक रोड से ठाणे-कल्याण व नई मुंबई की ओर जानेवाले वाहन इस छेड़ानगर जंक्शन पर आकर एकत्रित हो जाते हैं, जिस वजह से यह ट्रैफिक जाम कुर्ला-सुमन नगर तक पहुंच जाता है। लोग घंटों इस ट्रैफिक जाम में फंसे रहने के कारण उनका जरूरी कार्य छूट जाता है। राजेंद्र सिंह का कहना है कि इस बाबत वे जल्द ही प्रशासन को पत्र देकर कार्य की गति बढ़ाने और काम होने तक पर्यायी व्यवस्था की मांग करनेवाले हैं।

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