वाकई, ऋषभ पंत और उर्वशी रौतेला के बीच का रिश्ता आखिर क्या कहलाता है? दोनों के बीच प्यार है या नहीं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि दोनों के बीच का माजरा कुछ समझ में नहीं आ रहा है। हालांकि, दोनों के बीच ब्रेकअप तो हो गया है लेकिन बीच-बीच में कुछ खबरें उनके फैंस को कंफ्यूज कर देती हैं। अब ताजा उदाहरण ही देख लो। दरअसल, हाल ही में उर्वशी ने अपने एक इंटरव्यू में पंत को एक खास अंदाज में `ऑल दि बेस्ट’ कहा था। हुआ कुछ यूं था कि इंटरव्यू के दौरान सिंगर शैल ओसवाल से पंत से जुड़ा एक सवाल पूछा गया और उन्होंने कहा कि वो इस सवाल को उर्वशी को पास करते हैं। इस पर उर्वशी ने ऋषभ को कहा `ऑस्ट्रेलिया टूर के लिए ऑल द बेस्ट।’ अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि इतनी तकरार के बद भला कोई किसी को `ऑल दि बेस्ट’ वैâसे बोल सकता है? खैर, ये उर्वशी के दिल की बाात तो वही जानें। अब देखने वाली बात होगी कि पंत की तरफ से इसका कोई जवाब आता है या नहीं। वैसे बता दें कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी २०२४-२५ का तीसरा मैच आज से ब्रिसबेन के गाबा में खेला जाएगा। तीसरे मैच में सभी की निगाहें भारतीय बल्लेबाज पंत पर टिकी होगी। दरअसल, जब भारत ने गाबा में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला तो वह टीम की जीत के हीरो रहे थे। इसके अलावा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पिछले दो मैच में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। अब उर्वशी का `ऑल दि बेस्ट’ पंत के कितना काम आएगा, यह तो इस मैच में दिख ही जाएगा… क्यों पंत…!
लागा कोचिंग में दाग!
गौतम गंभीर का बतौर हेड कोच प्रदर्शन अब तक कुछ खास नहीं रहा है। पहले टीम श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज हारी और उसके बाद न्यूजीलैंड से टीम इंडिया अपने ही घर पर ३-० से टेस्ट सीरीज गवां बैठी। ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐडिलेड में हुए दूसरे टेस्ट मैच में भी भारत को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गौतम गंभीर की कोचिंग में अब हार के दाग लग रहे हैं और ये `दाग’ निश्चित तौर पर गंभीर के लिए अच्छे नहीं हैं। ऐसे में आज से गाबा में होनेवाले तीसरे मुकाबले में टीम इंडिया का बेहतरीन प्रदर्शन `कोच’ की लाज बचाने के लिए बेहद जरूरी होगा। क्योंकि अगर भारत-ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहता है तो गंभीर को टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में अपनी भूमिका से हाथ धोना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, `यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में भी असफल रहती है, तो बीसीसीआई वीवीएस लक्ष्मण जैसे विशेषज्ञ को टेस्ट क्रिकेट में कोच की भूमिका संभालने के लिए कह सकता है, जबकि गंभीर केवल वनडे और टी-२० मैचों में ही बने रहेंगे। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि अगर ऐसा होता है तो गंभीर इस तरह के बदलाव को स्वीकार करेंगे या नहीं। अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मुकाबला कांटे का रहा तो बीसीसीआई को एक कठिन पैâसला लेना पड़ सकता है।