मुख्यपृष्ठस्तंभअंतर्वेग : महिला पुलिसकर्मी पर मनचले का हमला!

अंतर्वेग : महिला पुलिसकर्मी पर मनचले का हमला!

जितेंद्र मल्लाह

मौसम और माहौल कितना भी विषम हो, सड़कों पर मौजूद पुलिसकर्मी हर हाल में लोगों को उनकी जान-माल की सुरक्षा का विश्वास दिलाते हैं। लेकिन देशभर में पुलिसकर्मियों पर जिस तरह से हमले बढ़ रहे हैं, उससे ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या वर्तमान परिस्थितियों में पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित हैं? ऐसे ही सवालों के बीच राजस्थान से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की बस्ती में अपने परिवार के साथ रहनेवाली महिला पुलिसकर्मी का किसी ने घर में घुसकर गला काट दिया। वारदात के बाद निर्भया टीम में तैनात महिला पुलिसकर्मी के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद करके आरोपी फरार हो गया। पीड़िता की चीख सुनकर पास वाले कमरे में सो रहा उसका पति वहां पहुंचा और उसने अपनी जख्मी पत्नी को अस्पताल पहुंचाया। इस मामले में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करके शास्त्री नगर थाना पुलिस जांच कर रही है। माना जा रहा है कि मनचलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाली निर्भया टीम में तैनात महिला पुलिसकर्मी पर किसी मनचले ने बदले की भावना से हमला किया होगा। फिलहाल इस घटना में आरोपी के दुस्साहस ने आला अधिकारियों को हैरत में डाल दिया है।
पुलिस के मालखाने से
`माल’ गायब!
दूसरा मामला भी पुलिस से ही जुड़ा हुआ है, लेकिन ऐसी घटनाएं पुलिस के चरित्र को दागदार करती हैं और इससे पुलिस के अस्तित्व पर सवाल भी खड़े होते हैं। मामला हिमाचल प्रदेश पुलिस से संबंधित है, जहां पुलिस द्वारा पकड़ी गई ११० किलो चरस पुलिस विभाग के गले की फांस बन गई क्योंकि पुलिस मालखाने से ३३ किलो चरस रहस्यमई परिस्थितियों में गायब हो गई। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की जमानत याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप शर्मा सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट को पता चला कि पुलिस ने आरोपियों से ११० किलोग्राम चरस बरामद की थी, जिसमें से एक-एक किलो के तीन सैंपल प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे गए और १०७ किलोग्राम चरस को मालखाने में रखा गया था। लेकिन उक्त मादक पदार्थ को नष्ट करते समय मालखाने में सिर्फ ७४ किलोग्राम चरस ही बची थी, जिसे नष्ट भी किया गया, लेकिन बाकी बची हुई ३३ किलो ग्राम चरस का क्या हुआ? यह पता नहीं चल सका। राज्य सरकार ने दलील दी कि ३३ किलोग्राम चरस सूख गई है। हिमाचल हाईकोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए दलील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में जिम्मेदार पुलिस अफसरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट की तरफ से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं।

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