यदि हमसे छल होगा

यदि हमसे छल होगा।
संघर्ष प्रबल होगा।
नवयुवक-युवतियों से
सड़कें भर जाएंगी;
सरकारें मानेंगी
अथवा घर जाएंगी;
वे बंद रखें आंखें
या सच देखें-भालें;
है गूंगा लोक नहीं,
भ्रम का जाला टालें;
जब मौन मुखर होगा,
कंपित भू-तल होगा।।
यदि हमसे छल होगा
न्यायार्थ भले होंगे,
जीवित ही लोग दहन;
है महापाप लेकिन,
करना अन्याय सहन;
हम बीज एकता का
निश्चित बो जाएंगे;
यों एक-एक मिलकर
ग्यारह हो जाएंगे;
किंचित संशय कैसा?
अभियान सफल होगा।।
यदि हमसे छल होगा
आह्वान हमारा है,
माटी के लाल सुनें;
बहकें न कभी पथ से,
मत बजते गाल सुनें;
बैठे न रहें घर में,
घर से बाहर आएं;
कर इंकिलाब जिंदा,
झूमे-नाचे-गाएं;
सपने अपने होंगे,
अब अपना कल होगा।।
यदि हमसे छल होगा…
-घनश्याम अवस्थी
गोंडा, उत्तर प्रदेश

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