सामना संवाददाता / मुंबई
दादर स्थित इंदू मिल में निर्माणाधीन भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक को भाजपा भूल चुकी है। स्मारक का निर्माण कार्य कछुआ चाल से हो रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि स्मारक निर्माण में ईडी सरकार की भी रुचि नहीं है क्योंकि अभी तक परियोजना का काम ३७ प्रतिशत ही पूरा हुआ है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने फरवरी २०१८ में शापूरजी पालनजी कंपनी को परियोजना का ठेका दिया था। इसे फरवरी २०२१ में पूरा करने की योजना थी मगर छह साल में महज ३७ प्रतिशत काम पूरा हो सका है। अब मई-२०२६ तक परियोजना पूरी करने का लक्ष्य रखा है। आंबेडकर स्मारक परियोजना की आधारशिला अक्टूबर-२०१५ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी और प्रतिमा की ऊंचाई बढ़ाने से परियोजना में देरी हुई है, लेकिन अब मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) की निगरानी में स्मारक परियोजना का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। स्मारक का चबूतरा १०० फुट का होगा, जबकि प्रतिमा ३५० फुट ऊंची होगी। इससे आंबेडकर स्मारक की कुल ऊंचाई ४५० फुट होगी।
परियोजना की बढ़ी लागत
आंबेडकर स्मारक परियोजना २४,१५९.५२ वर्गमीटर में स्थापित होगी। शुरुआत में ७६३ करोड़ रुपए खर्च होना थे, लेकिन इसकी लागत अब १,०८९ करोड़ रुपए हो चुकी है।
कौन-सा काम कितना प्रतिशत पूरा
१. एंट्रेंस प्लाजा ८६.७ प्रतिशत
२. चबूतरा ४८.९१ प्रतिशत
३. लेक्चर हॉल ७२.४५ प्रतिशत
४. लाइब्रेरी ७५.७१ प्रतिशत
५. ऑडिटोरियम ५५.४६ प्रतिशत
६. डबल बेसमेंट ९४.६२