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रहस्यमय ढंग से कांग्रेस प्रत्याशी गायब, नामांकन हुआ खारिज : मैच फिक्सिंग से खिला पहला कमल!… जनता के सामने आई भाजपा के ‘४०० पार’ की हकीकत …बाकी सभी उम्मीदवारों ने नाम लिए वापस

गुजरात के सूरत में चंडीगढ़ फॉर्मूले की आशंका

सामना संवाददाता / अमदाबाद
लोकसभा चुनाव के नतीजे तो चार जून को घोषित होंगे, लेकिन भाजपा के ‘४०० पार’ की हकीकत पहले ही सामने आनी शुरू हो गई है। ४ जून के बहुत पहले ही मैच फिक्सिंग के जरिए भाजपा का पहला कमल खिल गया है। यह कमाल भाजपा का गढ़ माने जानेवाले गुजरात में हुआ है। सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जीत हो गई। कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी को वहां रहस्यमय तरीके से गायब करते हुए उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। इसके बाद भाजपा के मुकेश दलाल को निर्विरोध विजयी घोषित किया गया।
यह पहला मौका नहीं है जब चुनाव आयोग ने ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी का नामांकन रद्द किया है। इसके पहले खजुराहो में ‘इंडिया’ गठबंधन के सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन खारिज कर दिया गया था। ऐसा लगता है मानो भाजपा के इशारे पर जबरन नामांकन रद्द किए जा रहे हैं। इसके बाद जो हुआ वह काफी आश्चर्यजनक है। ऐसा लगता है कि अब चुनकर आने से पहले भी नेता खरीदे जाने लगे हैं क्योंकि वहां बाकी के सभी आठ प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसमें बसपा का उम्मीदवार भी शामिल है। इसके बाद सूरत के कलेक्टर ने भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा। जीत की खबर आते ही गुजरात में भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटील ने सोमवार को सोशल मीडिया पर दलाल को जीत की बधाई दी।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सूरत में भी चंडीगढ़ फॉर्मूले की आशंका है। बता दें कि चंडीगढ़ में भाजपा के अधिकारी ने जानबूझकर ‘आप’ के मतों को अवैध बताकर भाजपा का महापौर बनवा दिया था और सुप्रीम कोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था।
रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी के अनुसार, ‘सफल नामांकन वाले ८ उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है और इस तरह दलाल निर्विरोध चुने गए।’ सोमवार को बसपा के प्यारेलाल भारती नामांकन वापस लेने वाले आखिरी उम्मीदवार थे। दोपहर करीब २ बजे जैसे ही उन्होंने अपना नाम वापस लिया, दलाल की जीत हो गई। सूरत में १५ से १९ अप्रैल तक नामांकन दाखिल किए गए थे। २२ अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकते थे। सूरत में तीसरे फेज में ७ मई को मतदान होना था। एक दिन पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। सूरत से पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अमान्य करार दिया गया। इसके बाद अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लेकर दलाल की जीत सुनिश्चित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस
कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र भाजपा के इशारे पर खारिज किया गया। इस मामले में कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि नामांकन पत्र जमा करने के बाद केवल इस दावे पर नामांकन फॉर्म रद्द नहीं किया जा सकता है कि फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गोहिल ने यह भी दावा किया कि २०२२ के चुनावों में सूरत-पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द नहीं किया गया था, भले ही दो प्रस्तावकों ने दावा किया था कि उन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। उन्होंने निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। गोहिल ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की हत्या है। हम (निर्वाचन अधिकारी के) इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करेंगे।’

तानाशाह की असली ‘सूरत’ सामने
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि तानाशाह की असली ‘सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है! जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है। मैं एक बार फिर कह रहा हूं – यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है।

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