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सीआरपीएफ के डॉक्टरों ने खतरे में डाली सुरक्षा! …रिश्वत से फिट हो रहे हैं जवान

गृह मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
सामना संवाददाता / मुंबई
सीआरपीएफ के डॉक्टरों ने देश की सुरक्षा खतरे में डाल दी है। वे रिश्वत लेकर भर्ती के लिए आनेवाले जवानों को फिट बता दे रहे हैं। ऐसे में वे जवान ड्यूटी के वक्त बीमार पड़ सकते हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। इन डॉक्टरों ने ऐसे ६० जवानों को मेडिकली फिट घोषित कर दिया था। इस मामले के सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
बता दें कि सीआरपीएफ में सिपाही पद की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी अनियमितता सामने आई है। डॉक्टरों द्वारा फिट बताए जाने के बाद जब इन जवानों का ज्वाइनिंग के वक्त फिर मेडिकल जांच हुई तो पता चला कि ये अनफिट हैं। इसके बाद मामले की प्रारंभिक जांच हुई और सीआरपीएफ के एडीजी मेडिकल ने इस मामले को सही पाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के आदेश जारी कर दिए। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला सिपाही जीडी भर्ती २०१८ से जुड़ा है। ६० उम्मीदवारों में से १७ युवाओं का मेडिकल सीआरपीएफ के डॉक्टरों ने किया था। खास बात है कि १७ में से सात उम्मीदवारों का चयन सीआरपीएफ के लिए हुआ था। बाकी उम्मीदवारों को दूसरे बल अलॉट किए गए थे। इस मेडिकल प्रक्रिया को संपन्न कराने के मकसद से सीआरपीएफ के १६ मेडिकल अफसर व सीएमओ की ड्यूटी लगाई गई थी। मेडिकल अफसर, सीनियर मेडिकल ऑफिसर,सीएमओ, सीआरपीएफ के समूह केंद्र ‘जीसी’ पुणे और नागपुर सहित कई दूसरे ग्रुप सेंटरों पर कार्यरत थे। पुणे जीसी एमओ ने युवराज गोकुल का मेडिकल किया था। आठ फरवरी २०२० को हुई विस्तृत चिकित्सा परीक्षा में उसे फिट दिखाया गया। मार्च २०२१ के दौरान ज्वाइनिंग के वक्त जब दोबारा से मेडिकल हुआ तो उसमें युवराज गोकुल अनफिट मिले। यह मेडिकल प्रक्रिया सीआरपीएफ जीसी नागपुर में संपन्न हुई थी। वह युवक ‘स्कोलियोसिस ऑफ थोरेसिक स्पाइन’ से पीड़ित था। दूसरे मामले में ११ जनवरी २०२० को वाघमारे केतन भीकू का मेडिकल किया गया था। ज्वाइनिंग के वक्त यह उम्मीदवार भी अनफिट पाया गया। अनफिट होने का कारण् ‘सिंडेक्टली ऑफ मिडल एंड रिंग फिंगर ऑफ बोथ हैंड्स’ था। तीसरा मामला जीसी पुणे से जुड़ा है। वहां जवान में ‘सिंडेक्टली ऑफ टोज ऑफ बोथ फुट’ की बीमारी थी। चौथे मामले में एक स्थाई तरह की बीमारी थी। डॉक्टरोेंं को लेकर ऐसी शिकायत प्राप्त हुई थी कि उन्होंने दिल्ली पुलिस एवं सीएपीएफ में एसआई के पद पर चयनित उम्मीदवारों की शारीरिक और चिकित्सीय फिटनेस जांच में रिश्वत लेकर तरफदारी की है।

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