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संपादकीय : रशिया की खूनी होली!

रशिया के सर्वेसर्वा व्लादिमीर पुतिन को पांचवीं बार सत्ता पर काबिज हुए जैसे-तैसे अभी एक हफ्ता ही बीता कि ‘आइसिस’ (आईएसआईएस) आतंकियों ने भीषण आतंकी हमला कर पुतिन का रक्त रंजित स्वागत किया है। इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह के खुरासान गुट ने शनिवार शाम रशिया की राजधानी मॉस्को में एक संगीत समारोह पर घातक आतंकवादी हमला किया। इस हमले में १४५ लोगों की मौत हो गई और १५० से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकी हमले के वक्त मॉस्को के मशहूर क्रोकस सिटी हॉल में एक कॉन्सर्ट चल रहा था। जब कार्यक्रम पूरे जोरों पर था, पांच आतंकवादी एक सफेद कार में हॉल के प्रवेश द्वार पर पहुंचे। पांचों आतंकियों ने रूसी सैनिकों की वर्दी पहन रखी थी। हॉल में घुसते ही आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सामने जो कोई दिखाई पड़ा उस पर गोली चलाते हुए आतंकवादियों ने हॉल में एकत्रित संगीत प्रेमियों को मार कर मौत का तांडव मचा दिया। आतंकवादी छुपे हुए लोगों को ढूंढ़-ढूंढ़ कर मार रहे थे। फिर भी, यह संदेह होने पर कि हॉल में कुछ लोग छिपे हुए हैं, आतंकवादियों ने बम फेंका और विस्फोट कर दिया, जिससे पूरे हॉल में आग लग गई। यह हमला ‘पिकनिक’ नाम के म्यूजिक बैंड के कार्यक्रम के दौरान हुआ था, उस वक्त इस हॉल में करीब ६ हजार २०० लोग मौजूद थे। संगीत समारोह में क्रूर हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी उसी सफेद कार में आराम से भाग गए। इस आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने रशियन जनता को संबोधित किया। पुतिन ने रशियन जनता को आश्वासन दिया कि हमले के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हर व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाएगी। हालांकि, यह हमला खुद को महाशक्ति के तौर पर माननेवाले रशिया के सर्व सत्ताधारी पुतिन के लिए बहुत बड़ी शर्म की बात कही जानी चाहिए। पुतिन ने कहा कि आतंकी हमले में शामिल ४ आतंकियों समेत ११ लोगों को अब गिरफ्तार कर लिया गया है और हमलावर यूक्रेन की ओर भागने की कोशिश कर रहे थे। उधर, हमले की जिम्मेदारी लेने वाले ‘आइसिस’ ने दावा किया कि उनके सभी हत्यारे सुरक्षित लौट आए हैं। ‘आइसिस’ ने पुतिन सरकार पर चेचन्या और सीरिया में हमले कर मुसलमानों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। बदला लेने के लिए ‘आइसिस’ ने यह हमला किया। हालांकि, रशिया ने संदेह जताया है कि यह हमला कोई आतंकवादी कृत्य नहीं बल्कि युद्ध है और इसके पीछे यूक्रेन का हाथ है। यूक्रेन के साथ रशिया पिछले दो वर्षों से युद्धरत है। इस पृष्ठभूमि के चलते, पुतिन महाशय यूक्रेन के सिर खप्पर फोड़ कर स्वतंत्र हो गये। हालांकि, यूक्रेन और अमेरिका ने रूस के इस दावे को खारिज कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि इस हमले के पीछे यूक्रेन नहीं है बल्कि यह एक आतंकवादी हमला है। दरअसल, रशिया के कट्टर दुश्मन अमेरिका ने एक महीने पहले ही मॉस्को में एक सामूहिक कार्यक्रम पर आतंकी हमले की आशंका के बारे में रशिया को जानकारी दे दी थी। लेकिन रशिया ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिस हॉल में हमला हुआ वहां के सुरक्षा गार्डों के पास कोई हथियार नहीं था। चूंकि हॉल के प्रवेश द्वार पर कोई प्रतिरोध नहीं हुआ, आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और भारी संख्या में लोगों की जिंदगी खत्म हो गई। इसलिए रूस में क्रोकस सिटी हॉल पर हुए भयानक आतंकवादी हमले को राष्ट्रपति पुतिन की एक बड़ी विफलता कहा जाना चाहिए। सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके बार-बार चुनाव जीतना और विरोधियों को वैâद या खत्म करके सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करना गल्प का प्रतीक नहीं हो सकता। सत्ता पर पकड़ और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर पकड़ दो अलग-अलग चीजें हैं। पुतिन को बिल्कुल यही गफलत हो गई। आइसिस के आतंकियों ने खूनी होली खेलकर सर्वशक्तिमान रशिया को चुनौती देकर चिढ़ाया है। चुनाव में अपार सफलता के बावजूद मुंह के बल गिरे पुतिन अब क्या करेंगे, यह देखना होगा!

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