अब शरिया कानून को लेकर किए गए बुनियादी दावे
सामना संवाददाता / लखनऊ
योगी तो ईश्वर के उपासक होते हैं और समाज की बुराइयों से दूर रहते हैं। पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ अलग ही मिट्टी के बने हैं। योगी होकर भी वे झूठ बोल रहे हैं। अब जबकि इस चुनाव में शरिया कानून कोई मुद्दा ही नहीं है तब भी वे वोटों के ध्रुवीकरण के लिए झूठ बोलने से बाज नहीं आए और कल अमरोहा की रैली में जनता के सामने खूब झूठ परोसा।
योगी ने शरिया कानून पर भ्रम पैâलाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में देश में ‘शरिया कानून’ लागू करने और जनता की संपत्ति का बंटवारा करने की मंशा जाहिर की है। अब असलियत में कांग्रेस के घोषणापत्र में कहीं भी शरिया कानून लाने का जिक्र तक नहीं है। ऐसा लग रहा है कि योगी भी झूठ बोलने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी के पद चिह्नों पर चल रहे हैं। मोदी भी चुनावी रैलियों में लगातार झूठ बोल रहे हैं। मोदी तो खैर पूरी तरह एक राजनेता हैं और उनका ट्रैक रिकॉर्ड रहा है झूठ बोलने का। पर एक योगी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। यूपी में भाजपा मिशन ८० लेकर चल रही है और इसके लिए योगी झूठी बातों का सहारा ले रहे हैं। इसी तरह से घोषणापत्र में कहीं भी आम जनता की संपत्ति छीन लेने और उसे दूसरों को बांटने का कोई जिक्र नहीं है। पर भाजपा नेता इस पर भी धड़ल्ले से झूठ बोल रहे हैं। हैरानी की बात है कि इन सब बातों की शिकायत करने के बावजूद चुनाव आयोग भी चुप्पी साधे बैठा है और सारा तमाशा देख रहा है।