मुख्यपृष्ठनए समाचारकुर्ला में मनपा की आधी रात को तोड़ू कार्रवाई ... हाई कोर्ट...

कुर्ला में मनपा की आधी रात को तोड़ू कार्रवाई … हाई कोर्ट ने लगाई जमकर फटकार! … तोड़े गए गालों का ४ दिनों में करो निर्माण

एक सप्ताह के भीतर एक करोड़ रुपए जमा करे मनपा
भारत कोल कंपाउंड के कारखानों में काम करते हैं ५ हजार लोग
अशोक तिवारी / मुंबई
कुर्ला एल वार्ड अंतर्गत कमानी स्थित भारतकोल कंपाउंड में आधी रात को मनपा की तोड़ू कार्रवाई पर मुंबई हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है। उल्लेखनीय है कि मनपा अधिकारियों ने तोड़क कार्रवाई के लिए छुट्टी का दिन शनिवार चुना और १० बुलडोजर, २०० पुलिसकर्मी के अलावा ५० लेबर लेकर पहुंच गए। इस दौरान मनपा अधिकारियों ने करीब ३५ औद्योगिक कारखानों को ढहा दिया। १९६० के दशक में इस कंपाउंड में करीब १०५ औद्योगिक कारखाने शुरू किए गए। इन कारखानों में आज करीब ५ हजार लोग रोजगार पाते हैं। २ वर्ष पूर्व मनपा ने इस कंपाउंड के करीब ५० कारखानों को अवैध बताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था। मनपा के नोटिस के जवाब में कारखाना मालिकों ने मनपा में १९६२ का असेसमेंट रिकॉर्ड दिखाते हुए रिप्लाई भी फाइल किया था, लेकिन मनपा ने इस रिप्लाई को अवैध घोषित कर दिया। इसके खिलाफ कारखाना मालिकों ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर २५ अप्रैल को सुनवाई होनी है। लेकिन १२ अप्रैल को सुबह मनपाकर्मी भारतकोल कंपाउंड में पूरे दलबल के साथ तोड़क कार्रवाई करने आ पहुंचे। इसकी सूचना मिलने पर पूर्व विधायक नसीम खान मौके पर पहुंचे और उन्होंने मनपा के अधिकारियों को न्यायालय में मामला लंबित होने और आचार संहिता के दौरान कार्रवाई न करने की बात याद दिलाई तो मनपा के अधिकारी लौट गए। लेकिन शनिवार को ही शाम ७ बजे मनपा के अधिकारी फिर से पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए। इसके बाद करीब ३५ कारखानों को बुलडोजर से ढहा दिया गया। मनपा की यह कार्रवाई शाम ७:०० बजे से शुरू होकर रात करीब १:०० बजे तक चलती रही। मनपा द्वारा छुट्टी के दिन आधी रात को कार्रवाई से खफा भारतकोल व्यापारी एसोसिएशन ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट ने मनपा को फटकार लगाते हुए १८ अप्रैल को आदेश दिया कि चार दिनों के भीतर गालों को फिर से बना कर दिया जाए। अगर ये कारखाने सुनवाई के दौरान अवैध पाए गए तो उनको बनाने की लागत और उन्हें तोड़ने का खर्चा कारखाना मालिकों से वसूला जाएगा। मुंबई महानगरपालिका ने हाई कोर्ट के इस आदेश के विरोध मे सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है, जिस पर २२ अप्रैल को सुनवाई हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने महानगरपालिका को फटकार लगाते हुए कहा कि महानगरपालिका पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में एक करोड रुपए कारखाने को फिर से बनाने के खर्च के तौर पर जमा कराए। इसी २९ अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होनी है। कारखाना मालिक मनपा की इस कार्रवाई को बिल्डर के इशारे पर की गई कार्रवाई बता रहे हैं। इस कार्रवाई के विरोध में कुर्ला के विभिन्न क्षेत्रों में बैनर लगाकर निषेध भी प्रकट किया गया है। इस संदर्भ में प्रतिक्रिया लेने के लिए सहायक आयुक्त धनजी हेर्लेकर से संपर्क करने का बार-बार प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

भारतकोल कंपाउंड में काम करने वाले ५,००० लोगों को बेरोजगार करने का काम मनपा ने किया है। चुनावी आचार संहिता के दौरान और छुट्टी के दिन आधी रात में की गई कार्रवाई मनपा द्वारा सुपारी लेकर की गई कार्रवाई प्रतीत होती है। मनपा के सभी दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मैं मांग करता हूं।
– मोहम्मद आरिफ नसीम खान (पूर्व विधायक, चांदिवली)

न्याय व्यवस्था पर है पूरी आस्था
हम व्यापारी हैं, कड़ी मेहनत और सरकार को टैक्स देकर जनता को और रोजगार देते हैं। मनपा की यह कार्रवाई अनुचित है। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और सत्यमेव जयते की पूरी उम्मीद है।
– देवेंद्र राठौड़, व्यापारी

 

 

अन्य समाचार