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पंचनामा : जानलेवा बन रही १०८ एंबुलेंस सेवा … जाते-जाते बची वृद्धा की जान! … अब तो जाग जाओ शिंदे सरकार

धीरेंद्र उपाध्याय
कुछ साल पहले राज्य सरकार ने मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए १०८ एंबुलेंस सेवा को शुरू किया था। इस सेवा से इससे पहले भले ही नागरिकों को फायदा हुआ और कई मरीजों की जान भी बची है। लेकिन जब से शिंदे सरकार सत्ता में आई है तभी से यह सेवा दुर्दशा की मार झेल रही है। आज स्थिति ऐसी पैदा हो गई है कि इस सेवा का इस्तेमाल करनेवाले मौत के मुहाने पर पहुंच रहे हैं। इसी तरह के ताजा मामले में घाटकोपर निवासी ७४ वर्षीय वृद्धा शोभा रनकोटला को राजावाड़ी अस्पताल में ले जाने के लिए १०८ क्रमांक का एंबुलेंस बुलाया गया, लेकिन डेढ़ घंटे तक यह एंबुलेंस मौके पर पहुंची ही नहीं। इस बीच संपर्क करने पर बार-बार कर्मचारियों को भेजे जाने की बात कहते हुए उनके साथ धोखेबाजी की गई। अंत में शिवसैनिकों ने अपने खर्च से वृद्धा को अस्पताल में ले जाकर आईसीयू में भर्ती कराते हुए जान बचाई। आरोप है कि राज्य में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं, लेकिन शिंदे सरकार इसके बाद भी नहीं चेत रही है।

उल्लेखनीय है कि एंबुलेंस सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा २०१६ में १०८ को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत राज्य में `१०८’ परियोजनाओं के तहत ९३७ एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें २३३ एडवांस लाइफ सपोर्टिंग और ७०४ बेसिक लाइफ एंबुलेंस सेवा को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी मेसर्स बीवीजी इंडिया नामक कंपनी के दी गई है। यह ठेका पांच साल के लिए दिया गया था। इस ठेकेदार का अनुबंध ३१ जनवरी, २०१९ को समाप्त होने के बाद तात्कालिकता के रूप में फिर से अवधि को एक फरवरी २०१९ से ३१ जनवरी २०२१ तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

मौजूदा एंबुलेंस बदलने की है जरूरत
बता दें कि नए सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, इस टेंडर प्रक्रिया पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण और कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र आपातकालीन चिकित्सा सेवा योजना के तहत १०८ एंबुलेंस सेवा जारी रखने के लिए आयुक्त स्तर पर एक समिति नियुक्त की गई थी। २९ दिसंबर २०२३ को इस समिति की बैठक हुई।

मरीज की शिव आरोग्य सेना ने की मदद
घाटकोपर-पूर्व के पटेल चौक इलाके में रहनेवाली महिला शोभा रनकोटला मधुमेह से पीड़ित हैं। गैंग्रीन के कारण उनका एक पैर कट गया था। इसी बीच शुक्रवार रात करीब ९ बजे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके चलते हीट स्ट्रोक के लक्षणों को समझते हुए उनके दामाद ज्ञानेश्वर कटारा और बेटे किरण ने १०८ पर कॉल किया और उन्हें पास के राजावाड़ी अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस भेजने का अनुरोध किया। फोन अटेंड करनेवाले शख्स ने दावा किया कि आधे घंटे पहले ही एंबुलेंस भेजी गई है। लेकिन डेढ़ घंटा बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। ऐसे में बुजुर्ग के बेटे और दामाद ने यह बात शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) से संबद्ध शिव आरोग्य सेना के मुंबई संयोजक प्रकाश वाणी के कानों तक पहुंचाई। वाणी ने भी कई बार १०८ नंबर पर संपर्क किया।

कर्मचारियों पर झूठ बोलने का लग रहा आरोप
मरीज को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के लिए १०८ एंबुलेंस किसी देवता से कम नहीं है। इस सेवा की आवश्यकता तब पड़ती है, जब कोई मरीज गंभीर रूप से बीमार हो और उसके साथ कोई दुर्घटना हुई हो। हालांकि, शिंदे सरकार के राज में सेवा समय पर नहीं मिल रही है। इतना ही नहीं हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर कर्मचारियों द्वारा झूठ बोला जाता है। इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।

लोगों के जीवन से खेल रही शिंदे सरकार  
इन तमाम जानकारियों के बावजूद शिंदे सरकार ने लोगों के जीवन की परवाह किए बिना एक बार फिर से बीवीजी कंपनी को तीन महीने यानी ३० अप्रैल तक का विस्तार दे दिया। इस तरह यह सरकार ठेके को विस्तार देकर लोगों के जीवन के साथ खेल रही है। इसे लेकर सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है, साथ ही कई तरह के विरोधाभास भरे सवाल पूछे जा रहे हैं।

मरीजों के लिए नहीं उपलब्ध हो पा रही यह सेवा
१०८ नंबर की यह सेवा अब मरीजों के लिए समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इस सेवा में कार्यरत कर्मचारी परिजनों को गलत जानकारी देकर गुमराह कर रहे हैं। इस कारण लोगों की जान बचानेवाली यह सेवा अब जानलेवा बन गई है। अगर सरकार ने इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।
-प्रकाश वाणी, मुंबई संयोजक, शिव आरोग्य सेना

गुमराह कर रहे १०८ एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी
१०८  एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी उन्हें गुमराह कर रहे हैं। ऐसे में इस मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को लिखित रूप से की जाएगी।
 -सचिन भांगे, घाटकोपर संगठक, शिव आरोग्य सेना

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