सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के दूसरे भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर, सीएसएमटी से वडाला तक के रूट में बदलाव किया जा सकता है, ताकि दक्षिण मुंबई के अत्यधिक भीड़-भाड़वाले इलाकों को कवर किया जा सके। प्रस्तावित नए रूट में क्रॉफर्ड मार्वेâट, मोहम्मद अली रोड, गेटवे ऑफ इंडिया, फोर्ट और भायखला जैसे इलाकों को कवर किए जाने की संभावना है, जबकि मौजूदा योजना में मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) की जमीन पर पांच स्टेशन शामिल हैं।
महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की तकनीकी और वित्तीय व्यवहार्यता के आधार पर १२.७४ किलोमीटर लंबे मेट्रो-११ के अलाइनमेंट में बदलाव करने के लिए एक नया प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इस मामले पर अंतिम फैसला जून तक लिए जाने की उम्मीद है। ‘स्टडी किए जा रहे नए अलाइनमेंट में हम कैटरिंग क्षेत्रों की संभावना पर विचार कर रहे हैं, जहां भूमिगत मेट्रो लोगों की आवाजाही में मदद करेगी। ये ऐसे स्थान हैं, जहां सार्वजनिक परिवहन के बेहतर साधनों की आवश्यकता है। आवश्यकता और अलाइनमेंट के आधार पर मेट्रो-११ पर स्टेशनों की संख्या में वृद्धि और कमी की जाएगी।’ वर्तमान डीपीआर में ११ स्टेशन शामिल हैं। वडाला (भक्ति पार्क), गणेश नगर, बीपीटी अस्पताल शिवड़ी मेट्रो, कोल बंदर, दारुखाना, वाडी बंदर, क्लॉक टॉवर, कार्नेक बंदर और सीएसएमटी मेट्रो शामिल है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘अगर नागरिक इन तक नहीं पहुंच सकते हैं, तो स्टेशनों का क्या मतलब है? इसलिए अलाइनमेंट पर विचार किया जा रहा है।’ १६,००० करोड़ रुपए की यह परियोजना लगभग पांच वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है और यह लाइन २०३० तक चालू हो सकती है। भूमिगत मेट्रो-३ (सीप्ज-बांद्रा-कोलाबा) और मेट्रो-११ लाइनें पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों से उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी के साथ एक-दूसरे की पूरक होंगी। मेट्रो-११ को मेट्रो-३ और सीएसएमटी उपनगरीय रेल स्टेशनों के साथ सब-वे के माध्यम से जोड़ने का भी प्रस्ताव है। एक बार जब मेट्रो-११ शुरू हो जाती है तो भायखला-सीएसएमटी-कोलाबा पर बसों और टैक्सियों पर भारी निर्भरता काफी कम होने की उम्मीद है।