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‘ऑपरेशन निर्विरोध’ का काला सच आया सामने! … सूरत के ५ स्टार होटल में बना था वॉर रूम!

 कांग्रेस के ‘गद्दार’ प्रत्याशी का काला चिट्ठा आया सामने
 पहले से तय कर रखी थी नामांकन में नदारद रहने की पटकथा
सामना संवाददाता / अमदाबाद
गुजरात के सूरत शहर में हुए ‘ऑपरेशन निर्विरोध’ का काला सच सामने आ गया है। इस पूरे ऑपरेशन का संचालन सूरत के ५ स्टार होटल ली-मैरेडियन से हुआ था। इसी होटल में इस ऑपरेशन का वॉर रूम बनाया गया था। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का काला चिट्ठा सामने आ गया। कुंभाणी ने पहले ही भाजपा के साथ मैच फिक्सिंग कर रखी थी और नामांकन तथा उसके खारिज होने की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। बता दें कि सूरत सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कुंभाणी का नामांकन खारिज होने के बाद बाकी के ८ उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए थे, जिससे भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को विजयी घोषित किया गया था।
कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी ने पहले ही भाजपा से हाथ मिला लिया था। इसके बाद भाजपा की ओर से ही कुंभाणी को ऑपरेशन निर्विरोध की स्क्रिप्ट मिली।

सूरत के मैच फिक्सर प्रत्याशी की करतूत
रिश्तेदारों को बनाया था प्रस्तावक!

सूरत के कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई को अंधेरे में रखते हुए पैंतरे चले। इसके कारण ही वहां भाजपा के प्रत्याशी की निर्विरोध जीत हुई। कुंभाणी ने अपने नामांकन पत्र के प्रस्तावकों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बजाय रिश्तेदार और करीबियों को रखा। कुंभाणी ने अपने पर्चे में प्रस्तावक बहनोई जगदीया सावलिया और बिजनेस पार्टनर ध्रुविन धामेलिया और रमेश पोलरा को बनाया। नीलेश कुंभाणी ने कांग्रेस पार्टी के डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला का प्रस्तावक भी अपने भांजे भौतिक कोलडीया को बनवाया। पर्चा दाखिल करते वक्त भी कुंभाणी किसी भी प्रस्तावक को चुनाव अधिकारी के सामने नहीं ले गए। चारों प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर फर्जी होने का शपथपत्र दे दिया और खुद अंडरग्राउंड हो गए। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अपनाई गई। कोई भी सामने नहीं आया। इसके बाद कुंभाणी और डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला का पर्चा खारिज हो गया। सूरत में भाजपा के इस ऑपरेशन निर्विरोध का वॉर रूम बना सूरत का फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन। यहां से २४ घंटे तक ऑपरेशन निर्विरोध की कार्रवाई का संचालन हुआ। ये कवायद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील की सीधी निगरानी में हुई।
बसपा के टिकट पर प्यारेलाल भारती सहित छोटे दलों के ४ प्रत्याशी सूरत से मैदान में थे। वे सूरत से वडोदरा पहुंच कर एक फॉर्महाउस में जा बैठे। प्यारेलाल की खोजबीन शुरू हुई। बसपा प्रत्याशी से संपर्क न होने पर क्राइम ब्रांच को काम पर लगाया गया। सोमवार को वह सूरत लौटने के साथ ही फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन पहुंचे। भाजपा ने साम-दाम दंड भेद की नीति अपनाई। इसी तर्ज पर सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी सहित सभी ४ दलों के प्रत्याशियों ने अंतिम दिन सोमवार को नामांकन पत्र वापस लेकर भाजपा का रास्ता साफ कर दिया। इससे पहले चार निर्दलीय प्रत्याशियों को राजी किया गया। फोन कर इन्हें होटल बुलाया गया, जहां निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान छोड़ने को राजी हो गए। ऑपरेशन निर्विरोध के लिए इनका चुनाव मैदान से हटना जरूरी था इसलिए संबंधित प्रत्याशियों के समाज के लोगों से संपर्क साधा गया। भाजपा नेताओं को राजी करने का जिम्मा सौंपा गया। सभी निर्दलीयों ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में नाम वापस लिया।

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