दंगा भड़काने की साजिश का अदालत ने लिया संज्ञान
सामना संवाददाता / भोपाल
भाजपा के बड़बोले नेता वैâलाश विजयवर्गीय पर एक एफआईआर दर्ज हो गई है। दंगा भड़काने के आरोप में कोर्ट ने संज्ञान लिया है और वैâलाश के कुकृत्य पर मामला दर्ज करने का आदेश्ो दिया।
दरअसल, खरगोन में साल २०२२ में हुए दंगों के बाद विजयवर्गीय ने एक ट्वीट अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया था, जिसके बाद उन पर सामाजिक सद्भाव भड़काने का आरोप लगा था। इसको लेकर कांग्रेस नेता ने उनके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इस मामले में कोर्ट के ही आदेश पर कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने दस्तावेज पुलिस को सौंपे हैं। बता दें, खरगोन जिले में बीते साल २०२२ में १० अप्रैल को रामनवमी पर हिंसा हुई थी और इस हिंसा के बाद मौजूदा वैâबिनेट मंत्री वैâलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था। वैâलाश विजयवर्गीय ने इस वीडियो को खरगोन का बताया था और उन्होंने अल्पसंख्यक वर्ग पर टिप्पणी भी की थी। इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और कांग्रेस नेता डॉक्टर अमीनुल खान सूरी ने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका पर १६ अप्रैल को सुनवाई हुई और हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने तिलक नगर थाना पुलिस को ३ महीने के अंदर जांच पूरी कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिया। हाई कोर्ट के इसी आदेश की कॉपी लेकर सोमवार को कांग्रेस के नेता तिलक नगर थाने पहुंचे, जहां उन्होंने कोर्ट के आदेश की कॉपी पुलिस को सौंपी और जल्द से जल्द जांच कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। दरअसल, अमीनुल खान सूरी ने १६ अप्रैल २०२२ को तिलक नगर थाने में इस मामले की शिकायत की थी। उन्होंने लिखा था कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तेलंगाना राज्य के एक वीडियो को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताते हुए अपलोड कर दिया और उस पर जो वैâप्शन दिया वह सामाजिक सद्भाव को भड़काने और शांति भंग करने वाला है।