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पालघर को कुपोषण से दिलाएंगे मुक्ति … उद्धव ठाकरे का भरोसा ही हमारी शक्ति-भारती कामड़ी

लोकसभा चुनाव में पालघर लोकसभा सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष ने निष्ठावान शिवसैनिक भारती कामड़ी को आदिवासियों के लिए सुरक्षित पालघर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। भारती कामड़ी पिछले २५ सालों से शिवसेना में हैं। कामड़ी ने पालघर जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कोरोना काल में बेहतरीन कार्य किया है। वे आदिवासियों में खासतौर पर महिलाओं में बेहद लोकप्रिय हैं। लोकसभा चुनाव में कामड़ी का जोरदार प्रचार अभियान जारी है। कामड़ी वर्तमान राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर जनता के बीच जा रही हैं और उन्हें लोगों का भारी समर्थन भी मिलता दिख रहा है। यही वजह है कि पालघर से पहली बार किसी आदिवासी महिला के संसद पहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पालघर जिले की समस्या और अन्य विषयों पर भारती कामड़ी से `दोपहर का सामना’ के संवाददाता योगेंद्र सिंह ठाकुर ने खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश….

लोगों के बीच आपको जोरदार समर्थन मिल रहा है, क्या कहेंगी?
लोग आज सरकार की जन विरोधी नीतियों से त्रस्त हैं, उन्हें बदलाव की उम्मीद है। महंगाई और बेरोजगारी घर-घर तक दस्तक दे रही है। ऐसे में लोगों को `इंडिया’ गठबंधन और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष से उम्मीदें हैं। लोगों को पता है कि हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे इसलिए हमें चुनावों में लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है। लोगों को पता है कि हम लोगों के बीच विवाद नहीं भड़काते, बल्कि उनके चौमुखी विकास में विश्वास रखते हैं।

`इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आया तो क्या विनाशकारी प्रकल्प वाढ़वन बंदरगाह रद्द होगा?
रोजगार देने वाली परियोजनाएं गुजरात ले जाई जा रही हैं और रोजगार छीनने वाली वाढ़वन बंदरगाह जैसी विनाशकारी परियोजनाएं जबरन हम पर थोपी जा रही हैं। बंदरगाह से लाखों मछुआरों और आदिवासियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा। इससे क्षेत्र का अस्तित्व ही खतरे में है। मैं लोगों को वचन देती हूूं कि `इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनते और दिल्ली पहुंचते ही पहला कार्य वाढ़वन बंदरगाह परियोजना को रद्द कराने का करूंगी।

जिले की प्रमुख समस्या क्या है?
पालघर के ग्रामीण इलाकों में आदिवासियों के गांवों में पेयजल का भीषण संकट है और बेरोजगारी से लोगों का पलायन एक और बड़ी समस्या है। यहां कई योजनाओं के एलान किए गए, लेकिन वे धरातल पर नहीं उतर सकी हैं। पेयजल जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भी लोगों को खासकर महिलाओं को काम-धाम छोड़कर कई किलोमीटर भटकना पड़ता है। हम उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे, ताकि वे एक अच्छा जीवन जी सकें। राजनीति हमारे लिए पद पाने का मौका नहीं, बल्कि सेवा का एक आधार है। मैं क्षेत्र के विकास और लोगों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरूंगी।

भाजपा विरोधी पार्टियों को डराया-धमकाया जा रहा है, आपको डर नहीं लगता?
केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर भाजपा विरोधी पार्टियों को डराया-धमकाया जा रहा है। लोग देख रहे हैं, जिसका जवाब आम चुनाव में जनता देगी। रही बात मुझे डर लगने की तो मैं पिछले २५ सालों से शिवसेना की निष्ठावान सैनिक रही हूं, न डरने वाली हूं और न पीछे हटने वाली। जो गद्दार थे, वे डरकर पहले ही भाग खड़े हुए हैं। जनता इस चुनाव में दमन करने वालों और गद्दारों को कहीं का नहीं छोड़ेगी और उन्हें समाप्त करके ही दम लेगी।

शिवसेना ने भरोसा किया, इस पर क्या कहेंगी?
शिवसेनापक्षप्रमुख का भरोसा मेरे लिए एक शक्ति है। हम उनके सीएम रहते किए गए जनहित के कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। लोगों के बीच शिवसेनाप्रमुख की भारी लोकप्रियता से हमें जनता का अपार प्यार मिल रहा है। भारी मतों से चुनाव जीतकर पक्षप्रमुख के भरोसे पर खरा उतरूंगी। मेरे ऊपर उद्धव ठाकरे और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने भरोसा किया, इसके लिए मैं जीवन के अंत तक आभारी रहूंगी और उनके मार्गदर्शन में लोगों की सेवा करती रहूंगी।

भाजपा और शिंदे गुट के नेता अपने को प्रभु श्रीराम का भक्त और सबसे बड़ा हिंदू बताते हैं, आपका का क्या कहना है?
हमारा हिंदुत्व भड़काऊ नहीं है न ही किसी का घर जलाने वाला है। हमारा Eिहदुत्व लोगों की सच्ची सेवा है। शिवसेना पक्ष प्रभु श्रीराम की सच्ची अनुयायी है। हम राम नाम पर राजनीति नहीं करते, बल्कि उनके अनंत भक्त हैं। हम उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनके मार्ग पर चलते हैं।

सांसद राजेंद्र गावित के बारे में क्या कहेंगी?
सांसद राजेंद्र गावित अक्षम हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिसके लिए जनता उन्हें फिर एक बार मौका दे। गावित कोरोना काल में मोबाइल बंद करके गायब रहते थे और हम लोगों की सेवा कर रहे थे। गावित ने अपने कार्यकाल के दौरान सिर्फ घोषणाएं की हैं, जनहित के कार्य नहीं इसलिए इस बार लोगों में उनका भारी विरोध है। उनकी हार तय है, ये बात खुद उनकी ही सहयोगी पार्टी के नेता भी कह रहे हैं।

पालघर का लंबा तटीय क्षेत्र है। यहां रहने वाले लोगों की समस्या पर क्या कहेंगी?
पालघर जिले को सुंदर तटीय क्षेत्र प्राकृतिक उपहार के रूप में मिला है। हम बंदरगाह जैसी विनाशकारी परियोजनाओं को रद्द करके यहां के तटीय इलाकों को खूबसूरत टूरिस्ट स्थल के रूप में विकसित करेंगे, ताकि लोग यहां घूमने-फिरने आएं और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।

महिलाओं के विकास के लिए क्या योजना है?
पालघर में बड़ी संख्या में महिलाएं बचत गट चलाती हैं और कई तरह के प्रोडक्ट बनाती हैं, लेकिन उन प्रोडेक्ट्स को बेचने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई बाजार नहीं है। ग्रामीण महिलाएं बाहर खुद के प्रोडक्ट भेज भी नहीं पाती हैं, जिससे इसका उन्हें फायदा नहीं हो रहा है। हम महिलाओं के प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए स्थानीय स्तर पर स्मार्ट बाजार बनाएंगे, ताकि वे अपना बनाया प्रोडक्ट्स बेचकर उसका सही रेट पा सकें। इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा और वे आर्थिक रूप से सक्षम होंगी।

कुपोषण की समस्या को लेकर क्या कहेंगी?
कुपोषण पालघर जिले के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। इसके खात्मे के लिए मैने जिला परिषद अध्यक्षा रहते हुए कई प्रयास किए थे। उसके सार्थक परिणाम दिखने लगे थे, लेकिन मेरे अध्यक्ष पद से हटते ही कुपोषण को लेकर जारी लड़ाई कमजोर पड़ने लगी। कुपोषण के समूल खात्मे के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी, ताकि जिला पूरी तरह कुपोषण मुक्त हो सके।

 

 

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