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म्हाडा की आंखें पथराईं! … विरार के फ्लैट लेने नहीं पहुंच रहे ग्राहक!

जलापूर्ति प्रलोभन भी ‘पानी’ में
कोकण बोर्ड के १५०० करोड़ स्वाहा

सामना संवाददाता/ मुंबई
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट ऑथॉरिटी (म्हाडा) के विरार हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पानी की आपूर्ति होने के बावजूद घरों की बिक्री में इजाफा नहीं हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, अब तक ५ हजार १९४ घर नहीं बिके हैं। इस वजह से म्हाडा के कोकण बोर्ड द्वारा २ हजार २७८ घरों की लॉटरी निकाली गई थी, लेकिन उसे भी अच्छा प्रतिसाद नहीं मिला है। इन घरों को बेचने के लिए म्हाडा ने घरों को पहले आओ पहले पाओ की श्रेणी में शामिल किया था और घरों की बिक्री के लिए विज्ञापनों पर जोर दिया दिया था। लेकिन फिर ग्राहकों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया। २३ नवंबर को हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सूर्या बांध का पानी उपलब्ध कराए जाने के बाद भी प्रतिसाद कम मिला। इसके समाधान के रूप में कोकण मंडल ने संगठनों, व्यक्तियों या सरकारी एजेंसियों को १०० घरों का एक बैच बेचने के लिए एक निविदा की घोषणा की है। इस टेंडर के मुताबिक, एक बार में १०० घर खरीदने वालों को घरों की बिक्री कीमत पर १५ फीसदी की छूट दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार, कोंकण बोर्ड के तहत विरार में १० हजार घरों की परियोजना लागू की है। चरणों में विकसित की गई इस परियोजना के ५१९४ घर नहीं बिके हैं। कई वर्षों तक मकानों की बिक्री न होने के कारण यह देखा गया है कि लगभग १५०० करोड़ रुपए का मंडल को नुकसान हुआ है। इसलिए एक नीति बनाई गई और उसके तहत एक बार में १०० घरों की बिक्री की परिकल्पना की गई है। घर खरीदार निर्धारित अवधि के भीतर घर की राशि के २५ प्रतिशत और ७५ प्रतिशत का भुगतान कर सकता है। इस नीति के अनुसार १६ मार्च से आवेदन जमा किए जा रहे हैं तथा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि १६ अप्रैल है।

 

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