सामना संवाददाता / मुंबई
तमिलनाडु राज्य में फैले पश्चिमी घाट के पूर्वी ढलानों से छिपकली की दो नई प्रजातियों की खोज करने में ठाकरे वाइल्डलाइफ फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने सफलता हासिल की है। इस शोध में तेजस ठाकरे, अक्षय खांडेकर और ईशान अग्रवाल का समावेश है। दोनों नई खोजी गई प्रजातियों का समावेश निमास्पिस कुल में किया गया है। गोल आईरिस वाली ये निमास्पिस कुल में शामिल छिपकलियों की खोज काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ठाकरे वाइल्डलाइफ फाउंडेशन की ओर से भारतीय उपमहाद्वीप में छिपकलियों के चल रहे सर्वेक्षण के दौरान यह छिपकली पहली बार मिली है। खास बात यह है कि गोल आईरिस निमास्पिस कुल में छिपकलियों की खास विशेषता है। रंग, आकार, जांघ पर ग्रंथियों की संख्या, पीठ पर ट्यूबरकल की संरचना और जीनोम सेट में अलगाव छिपकली कुल में इन्हें अन्य और एक-दूसरे से अलग करते हैं।
इस तरह किया गया नामकरण
नई खोजी गई प्रजाति ‘निमास्पिस वैनगॉगी’ तमिलनाडु राज्य के श्रीविल्लिपुथुर-मेघमलाई टाइगर रिजर्व परियोजना में पाई गई। निमास्पिस वैनगॉगी प्रजाति का नामकरण प्रसिद्ध चित्रकार वैनगॉग के नाम पर रखा गया है। इस छिपकली के शरीर पर रंग योजना वैनगॉग की पेंटिंग ‘द स्टारी नाइट’ से मिलती-जुलती है। ‘निमास्पिस सथुरागिरिएंसिस’ प्रजाति तमिलनाडु के विरुदुनगर जिले में साथुरागिरि पर्वत पर पाई गई। इसके निवास स्थान के कारण इसका नाम ‘निमास्पिस सथुरागिरीएंसिस’ रखा गया है। नई खोजी गई दोनों छिपकलियां दिनचर हैं। छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े इनका मुख्य भोजन हैं।